कंकड़ को लहसुन-मिर्च के साथ तलकर खाने के लिए बेच रहा दुकानदार, लोगों की लग गई भीड़; देखें Video
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कंकड़ को लहसुन-मिर्च के साथ तलकर खाने के लिए बेच रहा दुकानदार, लोगों की लग गई भीड़; देखें Video

Pabbles Fris With Garlic: चीन के हुनान प्रांत के विक्रेताओं ने पैसा बनाने का एक अजीबोगरीब तरीका खोजा है: मिर्च, लहसुन, बैंगनी पेरिला और रोजमेरी जैसी इंग्रेडिएन्स के साथ छोटी नदी की चट्टानों को तवे पर मिलाया और फिर लोगों के लिए खाने के लिए परोस दिया.

 

कंकड़ को लहसुन-मिर्च के साथ तलकर खाने के लिए बेच रहा दुकानदार, लोगों की लग गई भीड़; देखें Video

Pebbles Fried With Garlic: चीन एक ऐसा देश है जो अपनी अनोखी तरह की खोजों और नए व्यावसायिक प्रथाओं के लिए जाना जाता है. ट्रेडिशनल बिजनेस से लेकर मॉडर्न वेंचर्स तक, चीनी लोगों ने पैसा बनाने के लिए लगातार अनोखे और कभी-कभी अजीबोगरीब तरीके खोजे हैं. चाहे इसमें वियर्ड फूड ट्रेंड्स हो, सांस्कृतिक एंगल हो, या फिर ट्रेडिशनल सर्विसेज को अपनाना हो, सभी चीजों में आउट-ऑफ-द-बॉक्स सोचकर न सिर्फ घरेलू बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना जानता है. हाल ही में, एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. 

चीन में कंकड़ को चूसने का रिवाज

चीन के हुनान प्रांत के विक्रेताओं ने पैसा बनाने का एक अजीबोगरीब तरीका खोजा है: मिर्च, लहसुन, बैंगनी पेरिला और रोजमेरी जैसी इंग्रेडिएन्स के साथ छोटी नदी की चट्टानों को तवे पर मिलाया और फिर लोगों के लिए खाने के लिए परोस दिया. वे इन कंकड़ों को नए तरीके की चीजों को ट्राय करने वाले ग्राहकों को बेच रहे हैं जो अनुभव के लिए US$2.30 (करीब 200 रुपये) का भुगतान करने को तैयार हैं. दुकानदार ने बताया कि ये तले हुए कंकड़ खाने के लिए नहीं हैं. इसके बजाय, ग्राहक स्वाद चखने के लिए उन्हें चूस सकते हैं और बाद में अन्य व्यंजनों के लिए उनका फिर से यूज कर सकते हैं.

तीन पीढ़ियों तक चल सकते हैं कंकड़

एक वेंडर ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को बताया कि ये कंकड़ तीन पीढ़ियों तक चल सकते हैं. उसने कहा, "तीन पीढि़यों तक कंकड़-पत्थर चलाओ. तुम चले जाओगे, लेकिन कंकड़-पत्थर अभी भी वहीं रहेंगे." वायरल वीडियो ने चीन में कई लोगों को हैरान कर दिया है, यहां तक कि कुछ ने मजाक में यह भी सुझाव दिया कि यह खाने के लिए बढ़िया डिश हो सकते हैं. चीनी में "सुओ दीव" का अनुवाद चूसना और फेंकना है और यह डिश भी कुछ ऐसा ही है. ऐसा माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति यांग्त्जी नदी के किनारे अथक परिश्रम करने वाले नाविकों की कुशलता से हुई. जब उन्हें भूख लगती थी तो ये नाविक कंकड़ भूनते थे और मछली की जगह उसका स्वाद लेते थे.

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