महाराष्ट्र के जुन्नार जिले स्थित ओजार गांव में तेंदुए के दो बच्चे अपने मां से बिछड़ गए. शावकों को गांववालों ने एक गन्ने के खेत में पाया और इसकी जानकारी जंगल के अधिकारी व कर्मचारी को दी.
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नई दिल्ली: महाराष्ट्र के जुन्नार जिले स्थित ओजार गांव में तेंदुए के दो बच्चे अपने मां से बिछड़ गए. शावकों को गांववालों ने एक गन्ने के खेत में पाया और इसकी जानकारी जंगल के अधिकारी व कर्मचारी को दी. जिसके बाद वाइल्डलाइफ एसओएस (Wilflife SOS) ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए फटाफट उस स्थान पर पहुंचें जहां शावक को रखा गया था.
शावकों का सबसे पहले Wilflife SOS टीम ने हेल्थ चेकअप कराया और फिर जल्द से जल्द उन्हें उनकी मां से मिलवाने के लिए प्लान तैयार किया. डॉक्टरों ने शावकों चेकअप करने के बाद उनके खाने-पीने की व्यवस्था कराई. मौके पर पहुंचे, WSOS पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. निखिल बांगर ने पूरी तरह से मेडिकल चेकअप किया और शावक को स्वस्थ और उन्हें रिलीज करने के लिए फिट पाया. दोनों ही बच्चे का स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक था.
हालांकि, इस क्षेत्र में तेंदुओं का स्पॉट होना असामान्य नहीं है, क्योंकि इस इलाके में कई गन्ने के खेत हैं जहां तेंदुए सुरक्षित जन्म देने और उनके शावकों को पालने के लिए एक उपयुक्त जगह मानते हैं. जब किसानों ने तीस दिन के शावक को एक गन्ने के खेत में देखा तो वह वन विभाग के पास पहुंच गए, तब सहायता के लिए वन्यजीव एसओएस से संपर्क किया. Wilflife SOS ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट इसका एक वीडियो भी पोस्ट किया है.
बाद में Wilflife SOS की टीम ने आधी रात को कैमरे लगाकर शावकों को उनकी मां के पास पहुंचाने के लिए जी तोड़ कोशिश की. मादा तेदुआं रात में आई और डिब्बे में रखे गए शावकों को गिराकर उन्हें उठाकर फिर से जंगलों की ओर चली गई. इस वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया जा रहा है. लोग इस वीडियो को देखने के बाद रेस्क्यू टीम काफी तारीफ कर रहे हैं.
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