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Online Groceries: किराने का सामानों को यूज करना हमारे रोजमर्रा का एक अनिवार्य हिस्सा हो चुका है. हालांकि, लोग घरों में किराने के सामानों को मंगवाने के लिए ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं. राशन में ऑफर भी मिलते हैं, जिसकी वजह से लोग ऑनलाइन की तरफ रुख करते हैं. आजकल लोग ऑनलाइन राशन पर अधिक भरोसा करते हैं. हालांकि, एक ऑनलाइन राशन देने वाली डिलीवरी कंपनी ग्रोफर्स बुरी तरफ फंस गई. कंपनी को मुंबई की एक महिला कल्पना शाह को 8,000 रुपये का मुआवजा देने के लिए कहा गया. विवाद तब शुरू हुआ जब 2020 में बिना डिलीवर किए गए तरबूज के बीज के लिए 31 रुपये रिटर्न नहीं किया गया.
कंपनी ने पैसे लौटाने से किया इनकार तो मचा बवाल
महिला को बाद में पता चला कि कल्पना शाह साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो गईं. दरअसल, रिफंड लेने का अटेंप्ट करते वक्त एक ओटीपी मिला, जिसके बाद उन्हें 5,000 रुपये का नुकसान हुआ. इस मामले में, उसने 2022 में साउथ बॉम्बे जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का रुख किया. आयोग ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया और ग्रोफर्स को राशि की प्रतिपूर्ति करने के लिए कहा. टीओआई के अनुसार, 2022 में महिला ने आयोग से भी संपर्क किया था और अपनी समस्या के बारे में विवरण शेयर किया था.
आयोग ने अपने फैसले में कही ये बात
आयोग ने मानसिक पीड़ा के लिए 5,000 रुपये का मुआवजा और 3,000 रुपये मुकदमे की लागत का भुगतान करने का निर्देश दिया. शिकायतकर्ताओं के खातों से रकम की हेराफेरी के मामले में, समाधान के लिए संबंधित जांच अधिकारियों के साथ संपर्क करने की आवश्यकता है. आयोग ने कहा कि कल्पना शाह को जनवरी 2020 से नौ प्रतिशत ब्याज के साथ 31 रुपये का रिफंड प्रदान किया जाए. दक्षिण मुंबई जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के फैसले ने निष्कर्ष निकाला कि ग्रोफर्स, जिसे "विपरीत पक्ष" कहा गया, अपेक्षित सेवा मानकों को पूरा करने में विफल रहा था.