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IFS Officer Parveen Kaswan: जंगल और पर्यावरण के शौकीन भारतीय वन सेवा अधिकारी (IFS) परवीन कासवान अक्सर रोचक जानकारियां शेयर करते रहते हैं. चाहे जंगल की तस्वीरें हों या जानवरों के बारे में कुछ अनोखा, कासवान के सोशल मीडिया अकाउंट्स देखने लायक होते हैं. हाल ही में उनकी टीम ने जंगल की सफाई का अभियान चलाया और दो ट्रक प्लास्टिक इकट्ठा किया. कासवान ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “हर दो सेकंड में जंगल की सड़क पर फेंका गया प्लास्टिक या तो चिप्स का पैकेट होता है या कुरकुरे का.” आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उनकी टीम ने 7 किलोमीटर की दूरी तय की.
अधिकारी ने जॉगिंग के वक्त की जंगल की साफ-सफाई
जंगल में जहां असल में पेड़-पत्तियों और दूसरी प्राकृतिक चीजें होनी चाहिए, वहां अब हर तरफ इंसानों की फेंकी हुई प्लास्टिक दिखती है. कासवान ने अपनी पोस्ट में बताया कि भूख की वजह से जानवर अक्सर इन प्लास्टिक को खा लेते हैं, जिससे उनकी जान को भी खतरा हो जाता है. कासवान ने अपनी पोस्ट में लिखा, "जंगली जानवर अक्सर प्लास्टिक खा लेते हैं, जिससे उनकी मौत भी हो जाती है. हमने देखा है कि जंगली जानवरों के गोबर में बड़े-बड़े प्लास्टिक के टुकड़े होते हैं. ये तो सिर्फ बड़े टुकड़ों की बात है, उन छोटे-छोटे प्लास्टिक कणों (माइक्रोप्लास्टिक) का भी बहुत बुरा असर होता है."
Plogging - You walk/jog and collect litter.
Today’s 7 Km walk/jog and plastic collection from Forest road. Two trucks of plastic collected. In Forest behave like animals, they don’t litter.
When are you planning Plogging !! pic.twitter.com/I4SFbe2Tmr
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) February 13, 2024
पोस्ट पर लोगों ने दी अपनी प्रतिक्रियाएं
कासवान ने आगे बताया कि प्लास्टिक की बोतलें भी घूमने आने वाले लोगों की लापरवाही का सबूत हैं. उन्होंने कहा, "प्लास्टिक की बोतलें भी, लोग आते हैं और अपने पीछे निशान छोड़ जाते हैं. जो बिल्कुल भी जरूरी नहीं है." जंगल को साफ रखने के इस अभियान में पुलिस अधीक्षक, छात्रों और एक स्थानीय NGO ने भी समर्थन दिया, जो जंगल को साफ रखने की जागरूकता को दर्शाता है. पोस्ट शेयर होते ही लोगों ने कमेंट्स में अपनी राय देना शुरू कर दिया. एक यूजर ने लिखा, "प्लास्टिक कवर बैन काफी नहीं है. सभी प्लास्टिक पैकेजिंग पर बैन लगना चाहिए." एक अन्य यूजर ने लिखा, "वाह, क्या शानदार पहल है."