Clapping: भजन-कीर्तन में ताली क्यों बजाते हैं लोग? नहीं जानते होंगे असली वजह..जान लीजिए
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Clapping: भजन-कीर्तन में ताली क्यों बजाते हैं लोग? नहीं जानते होंगे असली वजह..जान लीजिए

Hands Clap: ताली बजाने की सबसे खास बात यह है कि भजन-कीर्तन के दौरान अपने आप ही लोग ताली बजाने लगते हैं. आखिर ऐसा क्यों होता है. क्या अंदर से कोई स्वतः स्फूर्ति होती है, या फिर परंपरा के हिसाब से ताली बजने लगती है. आइए इनके कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

Clapping: भजन-कीर्तन में ताली क्यों बजाते हैं लोग? नहीं जानते होंगे असली वजह..जान लीजिए

Clap During Bhajan-Kirtan: हम किसी धार्मिक आयोजनों में शिरकत करते हैं तो वहां गीत-संगीत का भी आयोजन होता है. हम चाहे वहां गीत गाएं या ना गाएं लेकिन अगर उसमें शामिल होते हैं, तो हमारे हाथ से खुद-ब-खुद तालियां बजने लगती हैं और फिर हम उसमें शरीक हो जाते हैं. लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि तालियां सिर्फ गीत-संगीत की ताल में ताल बैठाने के लिए बजाई जाती हैं या इसके कोई और कारण हैं. साथ ही क्यों अपने आप हम तालियां बजाने लगते हैं. आइए इस कारण को समझते हैं कि आखिर क्यों तालियां बजाते हैं और इसके क्या फायदे हैं.

पौराणिक परंपरा का जिक्र
दरअसल, एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसके कई कारण हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इसके पौराणिक परंपरा का जिक्र किया गया है. बताया जाता है कि इस परंपरा की शुरुआत प्रहलाद ने उस समय की थी जब उनके पिता हिरण्यकश्यप ने उनके सारे वाद्य यंत्रों को नष्ट कर दिया था ताकि वे विष्णु की आराधना ना कर सकें. इसके बा प्रहलाद ने भगवान विष्णु के भजनों को ताल देने के लिए हाथ से ताली बजाना शुरू कर दिया था, यहीं से ताली की शुरुआत हो गई.

एक अन्य मान्यता यह भी है
दूसरी बात यह बताई जाती है कि कीर्तन के दौरान ताली बजाकर भगवान को व्यक्ति के कष्टों को सुनने के लिए पुकारा जाता है. ऐसा करने से भगवान का ध्यान आकर्षित होता है. साथ ही भजन-कीर्तन या आरती के दौरान ताली बजाने से पापों का नाश होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. इसके साथ-साथ एक अन्य मान्यता यह भी है कि प्राचीन काल में लोगों के पास वाद्य यंत्र नहीं होते थे, ऐसे में वे भजन-कीर्तन में ताल देने के लिए ताली बजाते थे.

ताली बजाने से हथेलियों पर दबाव
यहां एक दिलचस्प बात यह भी है कि इसका नाम ताली कैसे पड़ा. तो दोनों हथेलियों को लगातार पीटने से एक ताल का निर्माण हुआ और वह ताल की धुन लोगों को सुनाई देने लगी, इसी वजह से इसका नाम ताली पड़ गया. वहीं अगर ताली बजाने के वैज्ञानिक कारण पर जाएं तो एक्सपर्ट्स का कहना है कि ताली बजाने से हथेलियों के एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स पर दबाव पड़ा है, इससे हृदय, फेफड़ों के रोगों में लाभ मिलता है.

इतना ही नहीं ताली बजाने से ब्लड प्रेशर भी सही रहता है. ताली बजाना एक तरह का योग भी माना जाता है. ऐसा करने से कई तरह के रोग दूर होते हैं. फिलहाल ताली बजाने के कई कारणों में से यह ऐसे कुछ प्रमुख कारण हैं जो काफी फेमस हैं. यह बात सही है कि ताली बजाने से मन को काफी आराम मिलता है और आप गीत संगीत के समारोह में खुद को शामिल कर लते हैं साथ ही वहां ताल में ताल मिला देते हैं.

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