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इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) में रहने वाली एक 12 साल की बच्ची को अनगिनत यातनाओं का सामना करना पड़ा. अपहरणकर्ता के चंगुल से मुक्त कराए जाने के बाद जब बच्ची ने आपबीती सुनाई, तो सुनने वालों की रूह कांप गई. मासूम का पहले अपहरण किया गया, फिर लंबे समय तक उसके जिस्म को नोचा गया और फिर एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति से जबरन उसकी शादी करा दी गई. जहां उसे जानवरों की तरह बेड़ियों में बांधकर रखा जाता था. पुलिस ने जब पिछले महीने इस बच्ची को फैसलाबाद निवासी मुस्लिम शख्स के घर से आजाद कराया, तो उसकी एड़ियों पर बेड़ियों से हुए कई घाव पाए गए.
पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार के मामले आम हो गए हैं. ईसाई और हिंदू लड़कियों को अगवा करके जबरन शादी करवाने, धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने के अनगिनत मामले सामने आ चुके हैं. इसके बावजूद भी इमरान खान (Imran Khan) सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कोई खास कदम नहीं उठा रही है. पुलिस ने बताया कि पीड़ित बच्ची को आरोपी शख्स ने घर में बंदी बनाकर रखा था और पूरा दिन उससे गाय का गोबर उठवाता था.
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कहा जा रहा है कि बच्ची के परिवार ने पुलिस में कई बार शिकायतें की, लेकिन उन्हें अनसुना कर दिया गया. पीड़ित परिवार के मुताबिक, बच्ची को गुलाम की तरह रखा गया था. उसे सारा दिन काम करने के लिए मजबूर किया जाता, जानवरों की गंदगी साफ कराई जाती. इतना ही नहीं उसे 24 घंटे बेड़ियों में बांधकर रखा जाता था. परिवार ने बताया कि बच्ची को पिछले साल जून में अगवा किया गया था और कई बार उसका बलात्कार किया गया. बावजूद इसके सितंबर तक आधिकारिक रिपोर्ट नहीं दर्ज की गई थी.
पीड़ित परिवार का आरोप है कि उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित किया जा रहा था. फर्जी मेडिकल रिपोर्ट में बच्ची की उम्र 16-17 बताने की साजिश की गई जबकि बर्थ सर्टिफिकेट में उसकी उम्र 12 साल है. लड़की के पिता ने बताया कि हम पर दबाव डाला जा रहा था कि हम अपनी बच्ची को भूल जाएं. पुलिस ने हम पर नस्लभेदी टिप्पणी की और हमारे खिलाफ ईशनिंदा का केस दर्ज कराने की धमकी भी दी. वहीं, ईसाई चैरिटी संगठनों का दावा है कि बड़े पैमाने पर लड़कियों का अपहरण किया जाता है और जबरदस्ती शादी करा दी जाती है. मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, हर साल हजारों ईसाई और हिंदू लड़कियों का अपहरण किया जाता है और इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया जाता है.