Religious Freedom Report: अमेरिका ने वार्षिक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट जारी कर दी है. इसमें पाकिस्तान की स्थिति चिंताजनक है, अमेरिका ने अपनी इस रिपोर्ट में पाक को 'विशेष चिंता वाले देश' में शामिल किया गया है. इसके पीछे अलग-अलग वजहें भी बताई गईं हैं.
Trending Photos
International Religious Freedom Report: संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपनी वार्षिक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट जारी कर दी है. इस रिपोर्ट में पाकिस्तान को 'विशेष चिंता वाले देश' में शामिल किया गया है. रिपोर्ट में दुनिया भर के लगभग 200 देशों और क्षेत्रों में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति की समीक्षा की गई है. 2000 पेजों की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह पाकिस्तान में धार्मिक हिंसा, धार्मिक भेदभाव और उत्पीड़न और कानून लागू करने वालों व न्यायपालिका के बुनियादी साक्ष्य मानकों का पालन करने में असफल रहे हैं. विशेष रूप से ईशनिंदा के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 नवंबर 2021 को राज्य सचिव ने 1998 के अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत पाकिस्तान को "विशेष चिंता का देश" (सीपीसी) के रूप में फिर से नामित किया था. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को पहली बार 2018 में सीपीसी के रूप में नामित किया गया था. रिपोर्ट में गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) सेंटर फॉर सोशल जस्टिस (सीएसजे) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि 2021 में ईशनिंदा के लिए 84 व्यक्तियों पर आरोप लगाया गया और उन्हें जेल में डाल दिया गया. सीएसजे ने 2020 में इस तरह के 199 मामलों को रिपोर्ट किया था. इस टाइम पीरियड में देश भर में ईशनिंदा के कम से कम 16 आरोपियों को मौत की सजा मिली.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), कानूनी पर्यवेक्षकों और धार्मिक अल्पसंख्यक प्रतिनिधियों ने बुनियादी साक्ष्य मानकों का पालन करने में निचली अदालतों की विफलता को लेकर लगातार आवाज उठाई है और चिंता व्यक्त की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे साल अज्ञात व्यक्तियों ने धार्मिक रूप से प्रेरित कई हमले किए. इन हमलों में ईसाइयों, अहमदियों, सिखों, सुन्नियों, शियाओं और हिंदुओं को निशाना बनाया गया. इन हमलों में कई की हत्या कर दी गई.