इमरान खान ने कोरोना के बढ़ते खतरे का हवाला देते हुए रैलियों और सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि, उनका यह फैसला गिलगित-बाल्टिस्तान के चुनावी नतीजों को लेकर हो रहे विरोध को दबाने की साजिश है.
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इस्लामाबाद: गिलगित-बाल्टिस्तान (Gilgit Baltistan) के चुनाव परिणाम को लेकर बढ़ते आक्रोश को दबाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने नई चाल चली है. उन्होंने कोरोना (CoronaVirus) का हवाला देते हुए रैलियों और सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है.
दूसरी लहर का खतरा
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मुद्दे पर राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसी) की बैठक के बाद इमरान खान ने सभाओं और रैलियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की. इस दौरान खान ने कहा कि हमने COVID -19 के मामलों की समीक्षा की और दूसरी लहर के बढ़ते खतरे के मद्देनजर सभाओ और रैलियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है.
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धांधली का आरोप
दरअसल, चुनाव में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने कथित रूप से कई सीटों पर जीत दर्ज की है. जबकि विपक्षी दल चुनाव में धांधली का आरोप लगा रहे हैं. अपने खिलाफ बढ़ते गुस्से से इमरान भी अच्छे से वाकिफ हैं, इसलिए उन्होंने कोरोना के नाम पर विपक्षी नेताओं को रोकने के लिए यह चाल चली है.
आठ सीट जीतें
गिलगित- बाल्टिस्तान की 24 सीटों पर रविवार को चुनाव हुए थे, जिसमें से आठ सीटों पर कथित रूप से इमरान की पार्टी ने जीत दर्ज की है. जबकि पीपीपी ने तीन और निर्दलीय उम्मीदवारों ने सात सीटें जीतीं. PPP के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि यह PPP से जनादेश छीनने की साजिश है. हम इसके खिलाफ एकजुट होकर प्रदर्शन करेंगे. वहीं, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की उपाध्यक्ष मरयम नवाज शरीफ (Maryam Nawaz Sharif) ने सोमवार को दावा किया कि पीटीआई ने धोखेबाजी और डरा-धमकाकर कुछ सीटों पर जीत हासिल की है.
विपक्ष कैसे देगा जवाब?
जिस तरह से विपक्षी दल चुनाव में गड़बड़ी की बातें कर रहे हैं, उसे देखते हुए बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन की संभावना है. विपक्ष की रैलियों में जुटने वाली भीड़ से इमरान खान पहले से ही वाकिफ हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने रैलियों और सभाओं पर बैन लगाने की चाल चली है. अब देखने वाली बात यह होगी कि विपक्ष इमरान की इस चाल का जवाब कैसे देता है.