लाहौर हाई कोर्ट ने दी थी विदेश जाने की इजाजत, अब नवाज शरीफ का पाकिस्तान लौटने से इंकार
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लाहौर हाई कोर्ट ने दी थी विदेश जाने की इजाजत, अब नवाज शरीफ का पाकिस्तान लौटने से इंकार

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लाहौर हाई कोर्ट को जानकारी देते हुए कहा कि वो फिलहाल स्वदेश लौटने में असमर्थ है. शरीफ ने कोर्ट को बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें कोरोना संक्रमण के खतरे की वजह से बाहर नहीं जाने की सलाह दी है.

फाइल फोटो

लाहौर: पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) ने लाहौर हाई कोर्ट (Lahore High Court) को जानकारी देते हुए कहा कि वो फिलहाल स्वदेश लौटने में असमर्थ है. शरीफ ने कोर्ट (Court) को बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के खतरे की वजह से बाहर नहीं जाने की सलाह दी है. नवाज शरीफ पिछले साल नवंबर में इलाज के लिए लाहौर हाई कोर्ट की इजाजत से 4 हफ्तों के लिए ब्रिटेन गए थे.

  1. नवाज शरीफ का वापसी से इनकार
  2. कोरोना से बताया जान का खतरा
  3. कोर्ट ने दिया था पेशी का आखिरी मौका
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पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके 70 वर्षीय शरीफ, इम्यून सिस्टम डिसॉर्डर से पीड़ित होने के बाद इलाज कराने लंदन गए थे. लाहौर उच्च न्यायालय ने इलाज के लिए उन्हें विदेश जाने के लिए चार सप्ताह की मोहलत दी थी.

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मेडिकल रिपोर्ट में कई बीमारियों का हवाला
शरीफ ने अपनी हालिया हेल्थ रिपोर्ट की जानकारी अपने वकील अमजद परवेज के जरिए लाहौर हाई कोर्ट में पेश करते हुए कहा कि उनके डॉक्टरों ने वर्तमान समय में जारी कोरोना महामारी के चलते उन्हे संक्रमण से बचने के लिए बाहर नहीं जाने को कहा है. शरीफ ने कहा कि उन्हें मधुमेह, ह्रदय, किडनी और रक्तचाप संबंधी समस्याएं हैं. रिपोर्ट के मुताबिक उनका ह्रदय पर्याप्त मात्रा में खून की सप्लाई नहीं कर पा रहा और ऐसे में कोरोना संक्रमण होने पर उनकी जान को खतरा हो सकता है. विदेश में इलाज कराने की इजाजत भी उन्हें पिछले साल अदालत में अपने मेडिकल दस्तावेज जमा कराने के बाद मिली थी. ताजा रिपोर्ट में उन्हे ह्रदय की गंभीर बीमारी से ग्रसित बताया गया है. उनकी बेटी मरयम नवाज ने कहा है कि उनके पिता एक उच्च जोखिम वाले मरीज हैं, इसलिए कोरोना काल में कहीं भी बाहर जाना उनके लिए संभव नहीं है.

घूसखोरी और भ्रष्टाचार मामलों के लगे हैं आरोप हैं
अभी हाल ही में पाकिस्तान की एक भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने उन्हें 17 अगस्त से पहले घूसखोरी के एक मामले को लेकर अदालत में पेश होने का आखिरी मौका दिया था. अदालती मोहलत की अवमानना होने पर वो उन्हें इस मामले में अपराधी करार दिया जा सकता है.

इससे पहले उन्हें अल-अजीजिया मिल भ्रष्टाचार मामले में भी अदालत से जमानत मिली थी, जिसमें सात साल की सजा पूरी करने के लिए वो कोटलखपत जेल में थे. वहीं मनी लांड्रिंग का मामला भी उनपर चल रहा है और इन्हीं मामलों को लेकर उनके विदेश जाने पर रोक लगी थी. 

पाकिस्तान की राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (National Accountability Bureau) के मुताबिक शरीफ ने 1986 में पंजाब के मुख्यमंत्री रहते हुए एक मीडिया घराने के मालिक को नियमों का उल्लंघन करते हुए 54 कैनाल भूमि आवंटित की थी. वहीं रहमान इस मामले को लेकर 12 मार्च को गिरफ्तारी के बाद से न्यायिक हिरासत में हैं. वहीं काफी समय से शरीफ़ ने भी NAB के किसी सम्मन का जवाब नहीं दिया था.

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