चीन की एक और खतरनाक चाल, पाकिस्तान को सौंपा सबसे बड़ा वॉरशिप
Advertisement

चीन की एक और खतरनाक चाल, पाकिस्तान को सौंपा सबसे बड़ा वॉरशिप

पाकिस्तान के साथ सदाबहार रणनीतिक संबंध साझा करने वाला चीन, पाकिस्तानी सेना के लिए सबसे बड़ा वैपन सप्लायर बनकर उभरा है. एडवांस नौसैनिक जहाजों के अलावा चीन ने जेएफ-17 थंडर लड़ाकू विमान बनाने के लिए पाकिस्तानी वायु सेना के साथ साझेदारी की है.

हिन्द महासागर में ताकत बढ़ाना चाहता है चीन (Photo: IANS)

बीजिंग: चीन ने पाकिस्तान को अपना सबसे बड़ा और सबसे एडवांस वॉरशिप दिया है क्योंकि वह अरब सागर और हिंद महासागर में अपने सहयोगी की नौसेना को मजबूत करना चाहता है. इस क्षेत्र में चीन ने हाल के वर्षों में अपनी मौजूदगी काफी बढ़ाई है.

  1. चीन ने चली एक और खतरनाक चाल
  2. पाकिस्तान को सौंपा एडवांस वॉरशिप
  3. हाईटेक सिस्टम से लैस है युद्धपोत

पीएनएस तुगरिल रखा गया नाम

चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (सीएसएससी) की ओर से तैयार युद्धपोत को शंघाई में जहाज के जलावतरण समारोह में पाकिस्तान नौसेना को दिया गया. सीएसएससी ने सोमवार को एक बयान में इसका ऐलान किया है. सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने मंगलवार को बताया कि टाइप 054ए/पी युद्धपोत को पीएनएस तुगरिल नाम दिया गया है.

अखबार की एक खबर में कहा गया है कि क्षेत्र के समग्र सुरक्षा हालात के संदर्भ में तुगरिल-श्रेणी के युद्धपोत, हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री रक्षा सुनिश्चित करने, शांति, स्थिरता और शक्ति संतुलन बनाए रखने, समुद्री चुनौतियों का जवाब देने के लिए पाकिस्तानी नौसेना की क्षमताओं को मजबूत करेंगे.

चीन का सबसे एडवांस वॉरशिप

अखबार ने पाकिस्तानी नौसेना के एक बयान का हवाला देते हुए कहा है कि पीएनएस तुगरिल पाकिस्तान की नौसेना के लिए बनाए जा रहे चार युद्धपोतों में पहला पोत है. यह पोत तकनीकी रूप से काफी एडवांस है इसमें सतह से सतह, सतह से हवा और पानी के नीचे की मारक क्षमता के अलावा हाई टेक मॉनिटरिंग कैपेसिटी है.

प्रतिरक्षा क्षमताओं के साथ-साथ एडवांस वॉर मैनेजमेंट और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस होने के कारण श्रेणी 054ए/पी का युद्धपोत विभिन्न चुनौतियों वाले हालात में एक साथ कई नौसैनिक वॉर मिशन को अंजाम दे सकता है. सीएसएससी ने कहा कि युद्धपोत चीन की ओर से अब तक निर्यात किया गया सबसे बड़ा और सबसे एडवांस पोत है.

हिन्द महासागर पर ड्रैगन की नजर

पाकिस्तान के साथ सदाबहार रणनीतिक संबंध साझा करने वाला चीन, पाकिस्तानी सेना के लिए सबसे बड़ा वैपन सप्लायर बनकर उभरा है. एडवांस नौसैनिक जहाजों के अलावा चीन ने जेएफ-17 थंडर लड़ाकू विमान बनाने के लिए पाकिस्तानी वायु सेना के साथ साझेदारी की है.

पर्यवेक्षकों का कहना है कि हाल के वर्षों में सैन्य सहयोग में नौसेना पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है क्योंकि चीन ने धीरे-धीरे हिंद महासागर में अपनी नौसैनिक मौजूदगी बढ़ा दी है. हिंद महासागर क्षेत्र में जिबूती में अपना पहला सैन्य अड्डा बनाने के अलावा चीन ने अरब सागर में पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह का कंट्रोल हासिल किया है जो चीन के झिंजियांग प्रांत से 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) से जुड़ता है. 

ये भी पढ़ें: 24 घंटे बाद होनी थी फांसी, शख्‍स निकला कोरोना पॉजिटिव; कोर्ट ने लिया ये फैसला

चीन ने श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह को भी 99 साल के पट्टे पर हासिल किया है. पाकिस्तानी नौसेना के आधुनिकीकरण के साथ-साथ नौसैनिक ठिकानों का कंट्रोल हासिल होने से हिंद महासागर और अरब सागर में चीनी नौसेना की उपस्थिति बढ़ने की संभावना है. पाकिस्तानी नौसेना ने 2017 से चीन से 054ए/पी श्रेणी के चार युद्धपोतों के निर्माण का करार किया है.

Trending news