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नई दिल्ली: चीन (China) के दोहरे चरित्र के बारे में कौन नहीं जानता. एक तरफ चीन LAC पर तनाव कम करने के लिए भारत से बातचीत करता है तो दूसरी तरफ पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के लिए टेंट लगा रहा है. LAC के पास के कुछ क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए चीन से अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में 13वें दौर की बातचीत की उम्मीद है. इस बीच आर्मी चीफ जनरल नरवणे ने साफ कर दिया है कि भारतीय सेना हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार है.
लद्दाख में LAC पर चीन लगातार तनाव बढ़ाने में लगा है. इस बीच पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी सैन्य गतिरोध को खत्म करने के लिए भारत और चीन के बीच 13वें दौर की बातचीत अगले हफ्ते होने की संभावना है. इसमें पूर्वी लद्दाख के उन इलाकों से सेना हटाने पर विचार होगा, जहां अब भी दोनों देशों की सेना तैनात है.
दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की वार्ता होनी है. सूत्रों के मुताबिक, बातचीत का समय और स्थान अगले तीन-चार दिनों में तय होने की उम्मीद है. वार्ता के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा के नजदीक बचे ठिकानों से सेना को हटाने पर विचार होगा. हॉट स्प्रिंग्स और कुछ अन्य क्षेत्रों से सेना वापस बुलाने पर चर्चा होगी.
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि उम्मीद है कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में चीन से 13वें दौर की बातचीत होगी और हम इस बात पर आम सहमति पर पहुंचेंगे कि डिसएंगेजमेंट कैसे होगा? पिछले 6 महीने से स्थिति सामान्य है. एक साल से ज्यादा वक्त से बातचीत चल रही है. 12वें दौर की बातचीत पिछले महीने हुई है. 13वें दौर की बातचीत जल्द ही होगी.
उन्होंने आगे कहा कि हो सकता है कि अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में बातचीत होगी. जैसा कि हमने मसलों पर बातचीत की है. हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि हम सहमति पर पहुंच जाएंगे कि कैसे डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए. सभी बिंदुओं पर मसले को सुलझा लिया जाएगा. जब बातचीत शुरू हुई थी तब भी लोगों ने सवाल किए थे कि कैसे इसे हल किया जा सकेगा? लेकिन हमारा ये निश्चित रूप से मानना है कि बातचीत के जरिए मसले को हल किया जा सकेगा. पिछले कुछ महीनों में ऐसा हुआ भी है. हम इसे लेकर भरोसा है कि नतीजे हासिल होंगे.
इस बीच एलएसी पर चीन की चालबाजियों से निपटने के लिए भारत ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. LAC पर चीन की सेना को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूर्वी लद्दाख के फारवर्ड एरिया में भारतीय सेना ने K-9 स्वचालित हॉवित्जर रेजिमेंट को तैनात किया है. K-9 वज्र 155 मिमी हॉवित्जर तोप लगभग 50 किमी की दूरी पर मौजूद दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने में सक्षम है. ये तोपें ऊंचाई वाले इलाकों में भी काम कर सकती हैं. इसका फील्ड ट्रायल बेहद सफल रहा है.
पूर्वी लद्दाख के दो दिवसीय दौरे के दौरान सेना प्रमुख ने चीन को चेतावनी भी दी. जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि भारतीय सैनिक पूर्वी लद्दाख में किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए ‘हर संभव तरीके’ से तैयार हैं.
एक तरफ चीन बातचीत की पहल कर रहा है तो दूसरी तरफ एलएसी पर सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है. हालांकि पिछले कुछ समय से चीन की हरकतों पर नजर डालें तो उसके नापाक मंसूबे साफ पता चलते हैं. चीन की चाल बताती है कि वो पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने और सैनिकों को पीछे हटाने के मूड में नहीं है.
चीन एलएसी पर तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रहा है. हाल ही में उसने पूर्वी लद्दाख में अपने सैनिकों के ठहरने के लिए मॉड्यूलर कंटेनर पर आधारित शेल्टर का निर्माण किया है. पूर्वी लद्दाख और एलएसी के करीब चीन आधुनिक हथियारों की तैनाती, एयरबेसों का अपग्रेडेशन कर रहा है.
लेकिन भारत ने भी साफ कर दिया है कि एलएसी पर चीन की सेना की हर हलचल पर उसकी नजर है और चीन को सटीक जवाब देने के लिए हर मुमकिन तैयारी भी है. इसलिए चीन भारतीय सेना के पराक्रम और शौर्य को लेकर कोई गलतफहमी न पाले तो ही बेहतर है.
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