China Nuclear Threat: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 16 अक्टूबर को सीपीसी महासम्मेलन के शुरुआती सत्र को संबोधित करते हुए कहा था, ‘हम मजबूत रणनीतिक प्रतिरोध क्षमता स्थापित करेंगे.’ इसके बाद उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
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Central Military Commission China: कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC) के महासम्मेलन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के मजबूत रणनीतिक प्रतिरोध क्षमता स्थापित करने संबंधी बयान के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि साम्यवादी देश अपने परमाणु जखीरे का विस्तार कर सकता है.
जिनपिंग ने 16 अक्टूबर को सीपीसी महासम्मेलन के शुरुआती सत्र को संबोधित करते हुए कहा था, ‘हम मजबूत रणनीतिक प्रतिरोध क्षमता स्थापित करेंगे.’
सीएमसी के हवाले से दावा
आपको बताते चलें कि जिनपिंग केंद्रीय सैन्य आयोग (CMC) के भी प्रमुख हैं. उनके द्वारा वर्ष 2017 में पेश रिपोर्ट या पिछले साल के ऐतिहासिक प्रस्ताव में रणनीतिक प्रतिरोध का विचार शामिल नहीं था.
हांगकांग से प्रकाशित ‘साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट’ की खबर के मुताबिक पिछले साल जारी 14वीं पंचवर्षीय योजना में ‘उच्च मानक युक्त रणनीतिक प्रतिरोध क्षमता स्थापित’ करने पर जोर दिया गया था.
क्या कहते हैं परमाणु एक्सपर्ट?
विशेषज्ञों का कहना है कि जिनपिंग का यह बयान संकेत देता है कि चीन अमेरिका के साथ बढ़ रही प्रतिद्वंद्विता के मद्देनजर अपनी परमाणु प्रतिरोध क्षमता को सुधारेगा क्योंकि अमेरिका अहम परमाणु शक्ति है.
चीनी सेना का बयान
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के पूर्व इंस्ट्रक्टर सॉन्ग झोंगपिंग ने एक बयान में कहा कि इसका अर्थ है कि चीन ‘अपनी रणनीतिक परमाणु क्षमता का विकास’ राष्ट्रीय सुरक्षा को कायम रखने के लिए करेगा.
सॉन्ग ने कहा कि मजबूत रणनीतिक प्रतिरोध की जरूरत अमेरिका द्वारा ताइवान और यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर क्रमश: चीन और रूस को मिली चुनौती की वजह से पैदा हुई. उन्होंने कहा, ‘चीन के पास जब मजबूत परमाणु क्षमता होगी, तभी प्रभावी तरीके से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा कायम रह सकती है.’
शी की तीसरी बार ताजपोशी का रास्ता साफ!
चीन की राजनीति में लगातार अप्रत्याशित घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं. हाल ही में पार्टी कांग्रेस की एक बड़ी बैठक से पूर्व राष्ट्रपति को उठाकर बाहर निकाल दिया गया. वहीं पार्टी कांग्रेस में इस फैसले पर भी मुहर लग गई है कि चीन के प्रधानमंत्री ली केकिआंग को कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमिटी से हटा दिया गया है. गौरतलब है कि पीएम ली को शी जिनपिंग का मुख्य प्रतिद्वंदी माना जा रहा था. इस घटनाक्रम के बाद माना जा रहा है कि शी जिनपिंग की तीसरी ताजपोशी का रास्ता साफ हो गया है.
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