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बीजिंग: भारत और चीन के बीच जारी विवाद के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है और पता चला है कि चीन पिछले 30 सालों से सीक्रेट मानवरहित ड्रोन सबमरीन (Secret Unmanned Drone Submarines) बना रहा है. एक चीनी रिसर्च टीम ने अंडरवाटर ड्रोन का अनावरण किया है, जो किसी निर्देश के बिना दुश्मन की पनडुब्बी को पहचान कर सकता है और उसका पीछा कर हमला कर सकता है.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की सबसे बड़ी सबमरीन रिसर्च इंस्टीट्यूट हार्बीन इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लियांग गुओलोंग (Professor Liang Guolong) ने कहा, 'चीनी सेना सीक्रेट मानवरहित ड्रोन पनडुब्बियां (Unmanned Drone Submarine) प्रोग्राम को फंडिंग कर रही है.'
प्रो. लियांग गुओलोंग (Professor Liang Guolong) ने कहा, 'इस सीक्रेट मानवरहित ड्रोन पनडुब्बियों (Unmanned Drone Submarine) को समुद्र के अंदर तलहटी में छोड़ा जा सकता है और जब जरूरत हो तब इन्हें हमला करने के लिए एक्टिव किया जा सकता है. इसके लिए जवानों की जरूरत भी नहीं होगी. यानी दुश्मन के जहाज और पनडुब्बियों को सीक्रेट मानवरहित ड्रोन पनडुब्बियों का पता भी नहीं चलेगा और उनपर हमला हो जाएगा.'
रिपोर्ट के अनुसार, प्रो. लियांग गुओलोंग (Professor Liang Guolong) ने आगे बताया, 'मानवरहित ड्रोन पनडुब्बियों (Unmanned Drone Submarine) के संचालन के लिए इंसानों की जरूरत नहीं और इस वजह से इसका आकार काफी छोटा होगा. भविष्य में समुद्र में होने वाली लड़ाई में ड्रोन सबमरीन का इस्तेमाल किया जा सकता है और इसमें जवानों के जान का भी खतरा नहीं होगा.'
प्रो. लियांग ने कहा, 'मानवरहित ड्रोन पनडुब्बियों (Unmanned Drone Submarine) को समुद्र तट पर या उससे थोड़ी दूरी पर स्थित रिमोट सेंटर से कंट्रोल किया जा सकता है. सबमरीन से दूर बैठा ऑपरेटर समुद्र के अंदर से मिले डेटा के अनुसार दुश्मन के टारगेट को पहचान कर उसपर आसानी से हमला कर देगा.'
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