AI के जरिए दुश्मनों के दिमाग पर कब्जा! China का US, Taiwan के खिलाफ खतरनाक ‘प्लान’
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AI के जरिए दुश्मनों के दिमाग पर कब्जा! China का US, Taiwan के खिलाफ खतरनाक ‘प्लान’

China's New War Strategy: चीन ताइवान और अमेरिका के खिलाफ नए तरीके की युद्ध रणनीति का इस्तेमाल करना चाहता है. चीनी अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति किसी भी तरह के लंबे और थकाऊ पारंपरिक युद्ध को झेलने की स्थिति में नहीं है.

AI के जरिए दुश्मनों के दिमाग पर कब्जा! China का US, Taiwan के खिलाफ खतरनाक ‘प्लान’

China News: चीन अब तक के सबसे नापाक और कपटपूर्ण युद्ध की तैयारी कर रहा है. इसे ‘इंटेलिजेंटाइज्ड वॉर' (Intelligentized Warfare) कहा जाता है. जैसा कि नाम से पता चलता है, दुश्मन को पारंपरिक हथियारों से नहीं, ब्लकि उसकी इच्छा और दिमाग पर कब्जा कर उसे हराया जाता है.

रिपोर्टों के अनुसार, चीन युद्ध का यह तरीका जरूरत पड़ने पर ताइवान और अमेरिका के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहता है. चीनी अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति किसी भी तरह के लंबे और थकाऊ पारंपरिक युद्ध को झेलने की स्थिति में नहीं है.

क्या सोचते हैं चीनी विचारक
टेक्सास नेशनल सिक्योरिटी रिव्यू में छपे एक लेख [ 'नई तकनीक, नई अवधारणाएं: एआई और संज्ञानात्मक युद्ध के लिए चीन की योजनाएं' में कहा गया है], ‘चीनी विचारकों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ‘इंटेलिजेंटाइज्ड वॉर' की मुख्य अवधारणा सीधे दुश्मन की इच्छाशक्ति को नियंत्रित करना है, यानि राष्ट्रपति, कांग्रेस के सदस्यों और लड़ाकू कमांडरों के साथ-साथ नागरिकों सहित सर्वोच्च निर्णय लेने वालों की इच्छाशक्ति को सीधे नियंत्रित करने के लिए एआई का उपयोग’. लेख के मुताबिक ‘इंटेलिजेंस प्रभुत्व’ या ‘दिमाग पर कब्जा’ ‘इंटेलिजेंटाइज्ड वॉर' में नियंत्रण के लिए संघर्ष के नए क्षेत्र बन जाएंगे.

चीनी सशस्त्र बल आधुनिकीकरण के पीछे भाग रहे हैं
ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट (एएसपीआई) ने अपनी 'चाइना मिलिट्री वॉच' में लिखा है, ‘चीन की सैन्य क्षमता में वृद्धि, क्षेत्रीय विवादों पर प्रभाव के बावजूद, इसने अपने राजनीतिक लाभ को काफी बढ़ा दिया है और क्षेत्रीय सैन्य संतुलन को अपने पक्ष में झुका लिया है. इसके सशस्त्र बल महत्वाकांक्षी रूप से ऊपर से नीचे तक आधुनिकीकरण और विविधीकरण के पीछे भाग रही है जिसमें बीजिंग ‘इंटेलिजेंटाइज्ड वॉर' या दुश्मन की इच्छाशक्ति पर कब्जा शामिल है.’

रिपोर्टों के अनुसार, 1990 के दशक की शुरुआत से ही चीनी सेना ने साइबर युद्ध, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और मनोवैज्ञानिक युद्ध जैसे सूचना संचालन को आगे बढ़ाने के लिए 'सूचनात्मक' युद्ध की रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन, अब चीन ‘इंटेलिजेंटाइज्ड वॉर' की तरफ देख रहा है.

शी जिनपिंग ने पेश किया था 'इंटेलिजेंटाइजेशन' का सिद्धांत
अक्टूबर 2017 में 19वीं पार्टी कांग्रेस को अपनी रिपोर्ट में, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 'इंटेलिजेंटाइजेशन' के सिद्धांत पेश किया. उन्होंने पीएलए से Military Intelligentization के विकास में तेजी लाने और नेटवर्क सूचना प्रणाली के आधार पर सभी डोमेन संयुक्त संचालन क्षमताओं में सुधार करने की अपील की.  

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