'China प्रेमी' Oli के Nepal का PM बनते ही शुरू हुईं Dragon की हरकतें, भूमि कब्जाने के लिए Border Pillars हटाए
Advertisement

'China प्रेमी' Oli के Nepal का PM बनते ही शुरू हुईं Dragon की हरकतें, भूमि कब्जाने के लिए Border Pillars हटाए

पिछले साल सितंबर में चीन ने नेपाली जमीन पर घुसपैठ की थी और हुमला जिले में 11 इमारतों का निर्माण कर लिया था. इस घटना के बाद नेपाल में चीनी दूतावास के बाहर भारी विरोध प्रदर्शन भी हुआ था, लेकिन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने चीन प्रेम के चलते कोई कार्रवाई नहीं की थी.

 

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली  (फाइल फोटो)

काठमांडू: केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) के दोबारा नेपाल (Nepal) का प्रधानमंत्री बनते ही चीन (China) की विस्तारवादी हरकतें शुरू हो गईं हैं. नेपाल की जमीन हथियाने के इरादे से चीन ने दाउलखा जिले में सीमा पर कई पिलर गायब कर दिए गए हैं. बीजिंग ने इससे पहले भी हुमला में इस तरह की हरकत की थी, लेकिन उस समय ओली सरकार ने इस पर पर्दा डाल दिया था. हालांकि, इस बार गृह मंत्रालय ने घटना की शिकायत विदेश मंत्रालय से की है, लेकिन कार्रवाई की उम्मीद बेमानी है. क्योंकि प्रधानमंत्री की कुर्सी पर फिर से ‘चीन प्रेमी’ ओली विराजमान हैं. 

  1. दाउलखा जिले में सीमा पर कई पिलर गायब 
  2. नेपाल की जमीन पर लंबे समय से है चीन की नजर
  3. भारत को घेरने के लिए नेपाल का सहारा ले रहा चीन

इसका फायदा उठा रहा China

चीन और नेपाल (China & Nepal) के बीच 1960-61 में हुए सीमा समझौते के तहत सीमांकन पिलर्स के जरिए किया गया है. हालांकि, 1961 के समझौते के बाद दोनों देशों के बीच सीमा रेखा में कई बदलाव भी हुए, मुख्य रूप से 76 स्थायी सीमा पिलर्स को हटाया गया. चीन अब इसी का फायदा उठाकर यथास्थिति को अपने पक्ष में बदलने की कोशिश कर रहा है. चीन की कम्युनिस्ट सरकार को पता है कि नेपाल के प्रधानमंत्री ओली उसके साथ हैं, इसलिए ओली के कुर्सी संभालते ही उसने अपनी हरकतों को अंजाम देना शुरू कर दिया है.

ये भी पढ़ें -पाकिस्तानी सांसद के बिगड़े बोल: Palestine और Kashmir के लिए Atom Bomb गिराने से भी न चूके सरकार

Buildings का किया था निर्माण

पिछले साल सितंबर में चीन ने नेपाली जमीन पर घुसपैठ की थी और हुमला जिले में 11 इमारतों का निर्माण कर लिया था. इस घटना के बाद नेपाल में चीनी दूतावास के बाहर भारी विरोध प्रदर्शन भी हुआ था. ये इमरातें उस जगह बनाई गईं थीं, जहां नेपाली पिलर कई साल पहले गायब हो गया था. हालांकि, ये बात अलग है कि चीन इन आरोपों से इनकार करता आया है.

China की तरफ रहा है झुकाव

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का शुरू से ही चीन के प्रति झुकाव रहा है. चीन के इशारे पर ही ओली ने भारत से नक्शा विवाद को जन्म दिया था. जिसके लिए उन्हें घर में ही भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. ओली और चीन के रिश्तों को लेकर कई खुलासे हो चुके हैं. यह भी कहा गया है कि ओली अपने फायदे के लिए बीजिंग को मनमर्जी करने की इजाजत देते हैं. अब जब वह पुन: सत्ता में लौट आए हैं, तो इस तरह की घटनाएं तेज होने की आशंका है. सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को घेरने के लिए ही चीन नेपाल की भूमि को हथियाना चाहता है.

 

Trending news