CPEC Project: Gwadar Port पर चीन की साजिश, मिलिट्री बेस पर बना रहा फेंसिंग
Advertisement

CPEC Project: Gwadar Port पर चीन की साजिश, मिलिट्री बेस पर बना रहा फेंसिंग

चीन ग्वादर (Gwadar Sea Port) में मिलिट्री बेस बनाकर बड़ी संख्या में PLA सैनिकों की तैनाती करना चाहता है. ग्वादर एयरपोर्ट का इस्तेमाल भी चीन अपने फाइटर जेट्स को तैनाती के लिए करना चाहता है. करीब 30 किलोमीटर लंबी इस फेंसिंग से बलूचिस्तान (Balochistan) के लोग पाकिस्तान और चीन से काफी नाराज हैं.

चीन CPEC प्रोजेक्ट के तहत ग्वादर में फेंसिंग से यहां आने जाने वालों पर कड़ी नजर रखना चाहता है (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट (Gwadar Sea Port) पर चीन (China) की साजिश पर बड़ा खुलासा हुआ है. चीन ग्वादर में मिलिट्री बेस के साथ-साथ दस फीट ऊंची दीवार भी बनाने में जुटा है. करीब 30 किलोमीटर लंबी इस फेंसिंग से बलूचिस्तान (Balochistan) के लोग पाकिस्तान और चीन से काफी नाराज हैं. CPEC प्रोजेक्ट (CPEC Project) के तहत बन रहे फेंसिंग पर करीब 500 हाई डेफिनेशन कैमरे भी लगाए जा रहे हैं. 

  1. चीन ग्वादर में मिलिट्री बेस बना रहा है
  2. ग्वादर पोर्ट पर बनाई जा रही 10 फीट ऊंची दीवार
  3. चीन 30 किलोमीटर लंबी फेंसिंग बना रहा है
  4.  

CPEC प्रोजेक्ट (CPEC Project) के तहत ग्वादर में बन रहे फेंसिंग से पाकिस्तान और चीनी सेना यहां आने जाने वालों पर कड़ी नजर रखना चाहती है जिससे मीडिया या ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट की आने से रोका जा सके और बलोचिस्तान के लोगों के विरोध को दबाया जा सके. CPEC ऑथोरिटी ने CPEC और ग्वादर में स्पेशल सिक्योरिटी डिवीजन के 15,000 सैनिकों को तैनात किया है जिसमें 9000 पाकिस्तानी आर्मी के जवान है और 6000 चीनी सैनिक हैं. इनका मकसद प्रोजेक्ट के साथ-साथ चीनी इंजीनियर को सुरक्षा देना है. चीन ग्वादर में मिलिट्री बेस बनाकर बड़ी संख्या में PLA सैनिकों की तैनाती करना चाहता है. ग्वादर एयरपोर्ट का इस्तेमाल भी चीन अपने फाइटर जेट्स को तैनाती के लिए करना चाहता है.

बेहद अहम है Gwadar Port

ग्वादर पोर्ट अरब सागर के किनारे बना है. यह पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है. यहां बड़े पैमाने पर अलगाववादी आंदोलन चल रहा है. सालभर में ग्वादर पोर्ट को चीन से जोड़ने वाले CPEC यानी चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर पर 6 से बड़े हमले हो चुके हैं. इन हमलों में कई पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों की जान जा चुकी है. बलूचिस्तान के लोग इस इलाके में चीन की सक्रियता से गुस्से में हैं.  

RBI की लोगों को चेतावनी! दूर रहें इन मोबाइल ऐप्स से, कभी न करें डाउनलोड
 
दुनिया का 35% कच्चा तेल गुजरता है यहां से

ग्वादर पोर्ट रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है. ये जिस जगह पर है, वहां से होकर दुनिया का 35 फीसदी कच्चा तेल गुजरता है. अब चीन ग्वादर पोर्ट के जरिए CPEC होते हुए कच्चे तेल का आयात करने की तैयारी में है. इससे उसके तेल टैंकर्स को हिंद महासागर से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा. चीन ने पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट पर इसी वजह से अरबों डॉलर का निवेश किया है लेकिन अब इसकी सुरक्षा की चिंता में इमरान और जिनपिंग के होश फाख्ता हैं.

LIVE टीवी: 

 

 

Trending news