पाकिस्तान में लाहौर के सबसे पाकीजा धार्मिक स्थल के रूप में मशहूर सूफी दरगाह दाता दरबार के बाहर फिदायीन हमले में कई लोग हताहत हो गए. दाता दरबार के बारे में कहा जाता है कि ये दक्षिण एशिया में सबसे बड़ी सूफी दरगाह है.
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पाकिस्तान में लाहौर के सबसे पाकीजा धार्मिक स्थल के रूप में मशहूर सूफी दरगाह दाता दरबार के बाहर फिदायीन हमले में कई लोग हताहत हो गए. दाता दरबार के बारे में कहा जाता है कि ये दक्षिण एशिया में सबसे बड़ी सूफी दरगाह है. शुरुआती मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दरगाह के बाहर तैनात विशेष पुलिस दस्ते को इस आत्मघाती हमले में निशाना बनाया गया. इस दस्ते के पांच पुलिसकर्मियों समेत कई आम नागरिकों की मौत की खबरें शुरुआती रिपोर्ट में आ रही हैं.
1. दाता दरबार 11वीं सदी के सूफी संत अबू हसन अल हुजवीरी दरगाह है. उनको दाता गंज बख्श भी कहा जाता है. माना जाता है कि 11वीं सदी में ये सूफी संत इस स्थल पर रहते थे.
2. दाता दरबार में हर साल करीब 10 लाख लोग उर्स के लिए आते हैं.
3. जनरल जिया उल हक के दौर में इस दरगाह का विस्तार किया गया. हालांकि उससे पहले 1960 के औकूफ अध्यादेश के तहत सरकार ने इसको अपने नियंत्रण में लिया था.
4. 1965 से दरगाह के निकट हर साल दो दिन का कव्वाली महोत्सव महफिल-ए-शमा के नाम से शुरू हुआ. 1992 से दरगाह के पास के ही एक स्कूल में इसका आयोजन किया जाने लगा
5. इससे पहले 1 जुलाई, 2010 को यहां दो आत्मघाती बम धमाके हुए. उस हमले में 50 लोग मारे गए और 200 से अधिक लोग घायल हुए.
सुबह करीब पौने बजे दाता दरबार के बाहर हुआ विस्फोट
जियो न्यूज के अनुसार, पुलिस की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह हमला पंजाब पुलिस के विशेष दस्ते की गाड़ी को टारगेट बनाकर किया गया. रिपोर्ट में बताया गया है कि बचाव टीमें विस्फोट स्थल पर पहुंच गई हैं. डीआईजी (ऑपरेशंस) लाहौर, अशफाक अहमद खान के मुताबिक, कम से कम 24 लोग घायल हुए हैं और उनका इलाज किया जा रहा था, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है. उन्होंने कहा, "विस्फोट सुबह करीब 8:45 बजे गेट नंबर 2 के बाहर हुआ, जहां सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी तैनात थे."
पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक (सेवानिवृत्त) आरिफ नवाज खान ने हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस बल को निशाना बनाया और कहा कि विस्फोट में पांच पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई. यह एक फिदायीन हमला था.