Pakistan Economic Crisis: कर्ज दे दो वरना मर जाएंगे! गिड़गिड़ाया पाकिस्तान, क्या तय हो गया PAK में ऐसा होना?
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Pakistan Economic Crisis: कर्ज दे दो वरना मर जाएंगे! गिड़गिड़ाया पाकिस्तान, क्या तय हो गया PAK में ऐसा होना?

Pakistan's financial crisis: आईएमएफ (IMF) ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले कर्ज की किस्त को रोक रखा है. अब हालात यह हैं कि जनता भूखे मर रही है और पाकिस्तानी नेताओं से हालात संभल नहीं रहे हैं. पाकिस्तान (PAK) के आगे एक ओर कुंआ और दूसरी ओर खाई है इसलिए वो अब आईएमएफ के आगे गिड़गिड़ा रहा है.

सांकेतिक तस्वीर

IMF and Pakistan News: पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट (Pakistan Economic Crisis) से गुजर रहा है.  इस हालात से उबरने के लिए वो लगातार दुनियाभर में भीख मांग रहा है. पिछला साल तो जैसे तैसे बीत गया लेकिन 2023 पाकिस्तान के लिए गंभीर चुनौतियों वाला साल साबित हो सकता है. देश के आर्थिक विश्लेषक अब चेतावनी दे रहे हैं कि पाकिस्तान (Pakistan) कभी भी दिवालिया हो सकता है. अब वहां पर सभी जरूरी यानी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित होने का खतरा बढ़ गया है. देश में महंगाई दर करीब एतिहासिक रूप से चरम पर है और खाद्य वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं. 

मदद मिली भी तो ऊंट के मुंह में जीरा

अब तक पाकिस्तान के रहनुमा बने मुस्लिम ब्रदरहुड देश और चीन भी अब पाकिस्तान को IMF की हर बात मानने की सलाह दे रहा है. इस बीच पाक (PAK) के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. वहीं अगर IMF से फंड मिल भी जाता है तो वो 'ऊंट के मुंह में जीरा' साबित होने वाला है. लोगों की आमदनी घट रही है. ऐसे में उसे अगर IMF से 1 बिलियन डॉलर की मदद मिल भी जाती है तो उससे बस कुछ दिन तक ही खतरा टल जाएगा. यानी पाकिस्तान अब कर्ज के जाल में फंस चुका है, अब उससे बाहर निकलने का शायद कोई रास्ता नहीं बचा है. क्योंकि पुराने लोन को चुकाने के लिए नया लोन लगातार लिया जा रहा है. कुछ ऐसा ही हाल सालभर पहले श्रीलंका में चल रहा था.  

क्या श्रीलंका की तरह दीवालिया होगा पाक?

श्रीलंका में एक खानदान वाली सरकार की गलत नीतियों की वजह से कंगाली आ गई. सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ने के बावजूद सत्ता में बने रहने के लिए लोकलुभावन फैसले लिए गए. ये सब कर्ज लेकर हो रहा था, यानी उनका दिवालिया होना तय था. ऐसे में अब पाकिस्तान की बात करें तो एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान का कर्ज विकराल रूप ले चुका है. उसके पुराने सहयोगी उसे फूटी कौड़ी भी नहीं देने को तैयार हैं. वहीं ये भी सच है कि जनता भूखे पेट सो रही है और पाकिस्तानी सेना के अफसरों और नेताओं की संपत्ति बेतहाशा बढ़ी है. कुछ दिन पहले ही हमने आपको पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की संपत्तियों की जानकारी साझा की थी. यानी नेता लगातार रईस हो रहे हैं और आम जनता गरीब. यहां अमीर और गरीब के बीच की खाई राजनीतिक अस्थिरता भी वजह से गहरा चुकी है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका है. ऐसे में माना जा रहा है कि आईएमएफ की मदद मिल भी जाए तो पाकिस्तान को दीवालिया होने से कोई नहीं बचा सकता है.

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