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कराची: पाकिस्तानी (Pakistani) कुछ न कुछ ऐसा करते रहते हैं, जिससे उनकी समझ और ज्ञान पर सवाल खड़े हो जाते हैं. एक बार फिर सोशल मीडिया पर ऐसे ही एक मामले को लेकर उनका मजाक उड़ रहा है. दरअसल, कराची चिड़ियाघर (Karachi Zoo) के कर्मचारी जिस हाथी को 12 साल से 'सोनू' समझ रहे थे वो वास्तव में 'सोनिया' है. यानी उन्हें मेल और फीमेल में अंतर तक नहीं पता था. बता दें कि वन्य प्राणियों की दयनीय हालत के बाद यह जू विवादों में आ गया है. इसे देखते डॉक्टरों की एक टीम जांच करने पहुंची थी. इसी दौरान खुलासा हुआ कि चिड़ियाघर के जिस हाथी को नर समझा जा रहा था, वो मादा है.
‘गल्फ न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, टीम के प्रमुख डॉक्टर फ्रैंक गोइरिट्ज (Dr. Frank Goeritz) ने 4 हाथियों (Elephant) की जांच की और पाया कि एक हाथी को सर्जरी की जरूरत है. वहीं अन्य हाथी भी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं. इसी दौरान उन्होंने यह भी पाया कि हाथियों में से एक सोनू (Sonu) जिसे नर समझा जाता रहा था, वह वास्तव में मादा है. अब इस हाथी का नाम सोनिया कर दिया गया है. सोनिया (Sonia) को साल 2009 में तंजानिया से पाकिस्तान लाया गया था.
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कहा जा रहा है कि कराची चिड़ियाघर (Karachi Zoo) पहुंचने के बाद कोई भी डॉक्टर सोनिया की जांच करने नहीं गया था. गौर करने वाली बात ये है कि चिड़ियाघर में डॉक्टर हैं, इसके बावजूद करीब एक दशक तक उन्हें हाथी के जेंडर के बारे में जानकारी ही नहीं थी. अंतरराष्ट्रीय डॉक्टरों की टीम ने जब अल्ट्रासाउंड टेस्ट करके सोनू के सोनिया होने का खुलासा किया, तब भी पाकिस्तानी डॉक्टर यह मानने को तैयार नहीं थे. वे जोर देते रहे हाथी सोनिया नहीं बल्कि सोनू है. हालांकि, बाद में उन्हें सच स्वीकारना पड़ा. पाकिस्तानी डॉक्टरों की इस अज्ञानता का सोशल मीडिया पर खूब मजाक उड़ रहा है.
कंगाल पाकिस्तान के कराची स्थित इस चिड़ियाघर में जानवर भूख से तड़प रहे हैं. हाल ही में एक शेर की बदहाली का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. खाना नहीं मिलने की वजह से शेर हड्डी के ढांचे में तब्दील हो गया है. जंगल के राजा के इस हाल के लिए पाकिस्तान के लोग इमरान खान सरकार को दोषी मान रही है. उनका यहां तक कहना है कि जब खिलाने के पैसे नहीं है, तो चिड़ियाघरों को बंद कर देना चाहिए.