Pakistan News: पाकिस्तान की राजनीति में एक बार फिर साइफर विवाद उठ खड़ा हुआ है. साइफर मुद्दा पिछले साल खान द्वारा सत्ता से बेदखल होने के बाद किए गए दावे से जुड़ा है. उन्होंने दावा कि उन्हें अमेरिकी साजिश के तहत बाहर का रास्ता दिखाया गया था और उन्होंने अपने विरोधियों को परास्त करने के लिए एक राजनयिक केबल का हवाला दिया था.
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Pakistan Politics: पाकिस्तान के कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने गुरुवार को कहा कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को राजनयिक सूचना को उजागर करके राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का दोषी पाया गया तो उन्हें आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. खान ने पिछले साल मार्च में वाशिंगटन में पाकिस्तान दूतावास द्वारा भेजी गयी एक सूचना का इस्तेमाल उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए एक महीने बाद अमेरिका पर आरोप लगाने के वास्ते किया था. एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कानून मंत्री तरार ने कहा कि आधिकारिक रहस्य लीक करने के लिए न्यूनतम सजा दो साल है.
बता दें पाकिस्तान की राजनीति में एक बार फिर साइफर विवाद उठ खड़ा हुआ है. साइफर मुद्दा पिछले साल खान द्वारा सत्ता से बेदखल होने के बाद किए गए दावे से जुड़ा है. उन्होंने दावा कि उन्हें अमेरिकी साजिश के तहत बाहर का रास्ता दिखाया गया था और उन्होंने अपने विरोधियों को परास्त करने के लिए एक राजनयिक केबल का हवाला दिया था.
दोबारा क्यों उभरा विवाद?
विवाद तब फिर से उभर आया जब खान के प्रधान सचिव आजम खान, जो पिछले महीने से लापता थे, अचानक सामने आए और मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख ने उन्हें राजनीतिक उद्देश्यों के लिए गुप्त संचार का उपयोग करने के लिए कहा था.
आजम खान ने अपने बयान में कबूल किया था कि पीटीआई प्रमुख ने कथित तौर पर उनसे कहा था कि ‘विपक्ष द्वारा एनसीएम [अविश्वास प्रस्ताव] में विदेशी भागीदारी की ओर आम जनता का ध्यान भटकाने के लिए साइफर का इस्तेमाल किया जा सकता है.’ बता दें पिछले साल इमरान खान को अविश्वास प्रस्ता के जरिए सत्ता से बेदखल कर दिया गया था.
गृह मंत्री ने दी ये प्रतिक्रिया
गृह मंत्री सनाउल्लाह ने आजम खान के कबूलनामे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि खान ने अपराध किया है जिसके लिए उन्हें ‘हर कीमत पर दंडित किया जाना चाहिए’. उन्होंने कहा, ‘किसी वर्गीकृत दस्तावेज़ या जानकारी का एक टुकड़ा सार्वजनिक करना और फिर उसे अपने कब्जे में लेना- कोई भी व्यक्ति कानूनी तौर पर इसे (साइफर) अपने कब्जे में रखने का पात्र नहीं है.‘
(इनपुट - एजेंसी)