Rice Export: भारत में चावल की कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने एक्सपोर्ट बैन किया है. भारत के इस फैसले से पाकिस्तान काफी खुश है. इसका कारण यह है क्योंकि अब पाकिस्तान के चावल एक्सपर्ट में इजाफा हो रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इससे पाकिस्तान काफी खुश है.
Trending Photos
India Rice Export Ban: भारत सरकार का एक फैसला पाकिस्तान के लिए वरदान साबित हो गया है और एक प्रकार से उसकी 'लॉटरी' खुल गई है. असल में जुलाई 2023 में भारत सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दी थी. भारत के इस फैसले से वैश्विक बाजार में चावल की कमी हो गई. जिससे पाकिस्तानी चावल की मांग काफी बढ़ गई है. इन सबके बीच पाकिस्तान की तरफ से दावा किया गया है कि वर्तमान में पाकिस्तान भारत की तुलना में यूरोपीय बाजारों को अधिक बासमती चावल निर्यात कर रहा है.
इस बैन से पाकिस्तान को फायदा?
दरअसल, भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है. लेकिन भारत सरकार ने फिलहाल गैर-बासमती चावल के निर्यात पर बैन लगा दिया है. डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड के अनुसार गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात को बैन किया गया है. भारत में पिछले कुछ महीनों में खाने-पीने की चीजों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. इसलिए ऐसा किया गया है. उधर इस बैन से पाकिस्तान को फायदा शुरू हो गया है. भारत की तरफ से बैन लगाए जाने के बाद ग्लोबल मार्केट में पाकिस्तानी चावल की मांग बढ़ गई. इतना ही नहीं अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर ने अनुमान लगाया है कि भारत के बैन वाले फैसले से पाकिस्तान को फायदा हो सकता है.
भारत की जगह चावल का निर्यात कर देगा!
यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय खरीदार अब पाकिस्तानी निर्यातकों का रुख कर रहे हैं. हाल ही में पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय ने दावा किया कि वर्तमान में पाकिस्तान भारत की तुलना में यूरोपीय बाजारों को अधिक बासमती चावल निर्यात कर रहा है. अब यह दावा कितना सही है कितना गलत है यह आने वाले समय में पता ही चल जाएगा, लेकिन यह बात जरूर है कि पाकिस्तान काफी खुश है और उसे लगता है कि उसकी लॉटरी लग जाएगी क्योंकि भारत की जगह वह चावल का निर्यात कर देगा.
हिस्सेदारी बढ़ाने का मौका
बता दें कि भारत से एक्सपोर्ट होने वाले चावल में गैर-बासमती चावल की हिस्सेदारी लगभग 25 फीसदी है. गैर-बासमती चावल का एक्सपोर्ट भारत सबसे ज्यादा अमेरिका, इटली, स्पेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका को करता रहा है. अब इन देशों में चावल की खरीद के लिए है तौबा मची है. ऐसे में पाकिस्तान के पास इस मांग को पूरा करने और चावल खरीदने वाले देशों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का मौका है.