भारत (India) ने चीन (China) को उसी की भाषा में समझाने का प्रयास किया है. चीन द्वारा भारत के आंतरिक मामलों पर बयानबाजी से नाराज विदेश मंत्रालय ने उसे कड़ा संदेश दिया है.
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नई दिल्ली: भारत (India) ने चीन (China) से दो टूक शब्दों में कहा है कि उसके आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी करना बंद करे. बीजिंग द्वारा लद्दाख (Ladakh) और अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) को लेकर की जा रही बयानबाजी से नाराज भारतीय विदेश मंत्रालय (Ministry of external affairs) ने ड्रैगन को उसी की भाषा में जवाब दिया है.
अभिन्न अंग हैं और रहेंगे
विदेश मंत्रालय ने कहा कि ‘जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग थे, हैं और रहेंगे और किसी को भी भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है’. मंत्रालय ने बीजिंग को नसीहत देते हुए कहा कि यदि दूसरे देश यह चाहते हैं कि कोई उनके आंतरिक मामलों में दखलंदाजी न करे, तो उन्हें भी ऐसा करने से बचना चाहिए.
कई बार अवगत कराया
नई दिल्ली ने अरुणाचल प्रदेश पर पुन: अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि ‘अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य अंग है. इस तथ्य को कई बार चीन को अवगत कराया गया है, उच्च स्तरीय बैठकों में भी’. मालूम हो कि इस हफ्ते की शुरुआत में चीन ने लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश विवाद को हवा देते हुए कहा था कि वो इन्हें मान्यता नहीं देता. ड्रैगन की यह टिप्पणी भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा संबंधित क्षेत्र में पुलों के उद्घाटन के बाद आई थी. रक्षा मंत्री ने 7 केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों में 44 पुलों का उद्घाटन किया था, जिनमें से कई चीन की सीमा पर हैं.
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हर गतिविधि करती है विचलित
चीन के विदेश मंत्रालय ने पुलों के निर्माण पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि भारत सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दे रहा है, जो दोनों पक्षों में तनाव का मूल कारण है. गौरतलब है कि चीन हमेशा से ही अरुणाचल और लद्दाख पर बयानबाजी करता रहा है. यहां होने वाली हर गतिविधि उसे विचलित कर देती है. इसलिए भारत ने इस बार उसे स्पष्ट शब्दों में समझाने का प्रयास किया है कि यदि उसके द्वारा भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी की जाएगी, तो वह भी इसके लिए तैयार रहे.