सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Naravane) को संयुक्त अरब अमीरात के लैंड फोर्सेज के मुख्यालय में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसे भारत के साथ उसकी बढ़ती नजदीकी के तौर पर देखा जा रहा है. बस यही बात पाकिस्तान की चिंता बढ़ा रही है.
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इस्लामाबाद: भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Naravane) का सऊदी अरब और यूएई में जिस तरह से भव्य स्वागत हुआ है, उससे न केवल पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है बल्कि इमरान खान (Imran Khan) की काबलियत पर भी सवाल उठने लगे हैं. जनरल नरवणे भारत के पहले ऐसे सेना प्रमुख हैं, जिन्होंने सऊदी अरब (Saudi Arabia) और UAE का दौरा किया है. भारत के लिहाज से उनका दौरा बेहद अहम है और दर्शाता है कि पाकिस्तान अरब देशों, खासकर सऊदी अरब की ‘गुड बुक्स’ से बाहर निकल गया है.
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Naravane) ने संयुक्त अरब अमीरात के लैंड फोर्सेज एंड स्टाफ के कमांडर मेजर जनरल सालेह मोहम्मद सालेह अल अमीरी से मुलाकात की. इस दौरान दोनों अधिकारियों के बीच आपसी हितों और रक्षा सहयोग के मुद्दों पर चर्चा भी हुई. जनरल नरवणे को संयुक्त अरब अमीरात के लैंड फोर्सेज के मुख्यालय में गार्ड ऑफ ऑनर देकर स्वागत किया गया था. इसे भारत और दोनों के बीच बढ़ती नजदीकी के तौर पर देखा जा रहा है. बस यही बात पाकिस्तान (Pakistan) को खल रही है. उसे डर है कि कहीं भारत यूएई और सऊदी अरब को इस्लामाबाद से दूर न कर दे.
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‘हमारे रिश्ते बेहतर हुए या बदतर?’
अरब देशों से भारत के मजबूत होते रिश्तों को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की काबिलियत पर भी सवाल उठ रहे हैं. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता शाहिद खाकान अब्बासी ने विदेश नीति को लेकर इमरान को निशाना बनाया है. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, अब्बासी ने कहा कि हम दूसरे मुल्क की विदेश नीति तय नहीं कर सकते, लेकिन अपनी विदेश नीति के बारे में तो सोच सकते हैं. हमें यह देखना चाहिए कि क्या हमारे रिश्ते दूसरे देशों से बेहतर हुए हैं या बदतर.
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Qureshi पर साधा निशान
अब्बासी ने आगे कहा कि सऊदी अरब भारत के साथ रिश्ते रखे या न रखे, यह उसका निजी मामला है. लेकिन हमें अपने घर को देखना है कि हमारे संबंध सऊदी अरब के साथ बेहतर हुए हैं या नहीं. पूर्व प्रधानमंत्री ने विदेश मंत्री मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे विदेश मंत्री ने सऊदी अरब के बारे में जो बात की थी, उसके बाद से सऊदी के साथ हमारे संबंधों में कड़वाहट आ गई है.
अकेले अब्बासी ही नहीं अधिकांश पाकिस्तानियों को लगता है कि इमरान खान की गलत विदेश नीति के कारण सऊदी अरब और यूएई भारत के दोस्त बन गए हैं. बता दें कि कुरैशी के बयान के बाद सऊदी ने पाकिस्तान को दिया गया कर्ज वापस मांग लिया था. तब से पाकिस्तान सऊदी को मनाने की कोशिशों में लगा है. इमरान खान से लेकर पाकिस्तानी सेना प्रमुख तक सऊदी के गुस्से को शांत करने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन उन्हें नाकामी ही हाथ लगी है.