CHINA के बार-बार घुसपैठ करने का कारण कहीं एक दुर्लभ जड़ी-बूटी तो नहीं! IPSCSC का बड़ा दावा
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CHINA के बार-बार घुसपैठ करने का कारण कहीं एक दुर्लभ जड़ी-बूटी तो नहीं! IPSCSC का बड़ा दावा

India China Border Dispute: यह जड़ी बूटी मुख्य रूप से भारतीय हिमालय और दक्षिण-पश्चिमी चीन में पठार के ऊंचाई वाले क्षेत्र में पाई जाती है. बताया जा रहा है कि चीन में पिछले कुछ समय में इस दवा की मांग तेजी से बढ़ी है.

CHINA के बार-बार घुसपैठ करने का कारण कहीं एक दुर्लभ जड़ी-बूटी तो नहीं! IPSCSC का बड़ा दावा

India China Relations: भारतीय क्षेत्र में चीन द्वारा बार-बार घुसपैठ की कोशिशों के कारणों को लेकर सुरक्षा जानकारों से लेकर आम लोगों तक में कई कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन ड्रैगन की इन हरकतों के पीछे एक अलग ही कारण हो सकता है जिस पर शायद अभी तक किसी का ध्यान नहीं गया है. इंडो-पैसिफिक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशंस (आईपीएससीएससी) ने कहा है कि चीनी घुसपैठ की कोशिशों की वजह है दुर्लभ हिमालयी जड़ी-बूटी है.

IPSCSC ने यह दावा ऐसे समय में किया है जब पिछले दिनों तवांग में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए हैं.

घुसपैठ के पीछे जड़ी बूटी
IPSCSC के मुताबिक इस दुर्ल्भ जड़ी बूटी का नाम है 'कीड़ा जड़ी’ (कॉर्डिसेप्स). इस बूटी को कैटरपिलर फंगस या हिमालयन गोल्ड के रूप में भी जाना जाता है. यह चीन में एक महंगी हर्बल दवा है.

IPCSC की एक रिपोर्ट में चीनी सैनिकों पर इस जड़ी बूटी की तलाश में अरुणाचल प्रदेश में अवैध रूप से प्रवेश करने का आरोप लगाया गया है.

क्यों चीन को चाहिए कीड़ा जड़ी?  
यह जड़ी बूटी मुख्य रूप से भारतीय हिमालय और दक्षिण-पश्चिमी चीन में पठार के ऊंचाई वाले क्षेत्र में पाई जाती है. बताया जा रहा है कि चीन में पिछले कुछ समय में इस दवा की मांग तेजी से बढ़ी है और वहां इसकी फसल पिछले दो वर्षों में कम हुई है. चीन में बड़ी संख्या में लोग बिना किसी वैज्ञानिक प्रमाण के इस जड़ी बूटी को कई रोगों का पक्का इलाज मानते हैं.

(इनपुट - एजेंसी)

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