First Hindu Female DSP Of Pakistan: मनीषा रुपेता हिंदू धर्म से ताल्लुक रखती हैं और उनके पाकिस्तान की पहली हिंदू महिला डीएसपी बनने से उनके समुदाय के लोग बहुत खुश हैं. मनीषा रुपेता ने बताया कि डीएसपी बनने से पहले उनको किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
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Manisha Rupeta Biography: हिंदू महिला मनीषा रुपेता (Manisha Rupeta) ने पाकिस्तान की डीएसपी (Paksitan DSP) बनकर इतिहास रच दिया है. मनीषा रुपेता पाकिस्तान की पहली हिंदू महिला डीएसपी (First Hindu Female DSP Of Pakistan) बनी हैं. बता दें कि मनीषा रुपेता पाकिस्तान के जाकूबाबाद जिले की रहने वाली हैं. मनीषा रुपेता हाल ही में डीएसपी के पद पर तैनात हुई हैं. जान लें कि मनीषा रुपेता ने साल 2019 में सिंध लोक सेवा आयोग का एग्जाम दिया था, जिसमें उनकी 16वीं रैंक आई थी. हालांकि मनीषा रुपेता ने पहले मेडिकल की तैयारी की थी, वो डॉक्टर बन सकती थीं, लेकिन बाद में उन्होंने पुलिस की वर्दी पहनकर देश की सेवा करने का फैसला किया.
जब मनीषा रुपेता ने लिया पुलिस सेवा में जाने का निर्णय
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मनीषा रुपेता की तीन अन्य बहनों ने मेडिकल की पढ़ाई की है. उनसे उम्मीद की जा रही थी कि वो एमबीबीएस की पढ़ाई करें लेकिन जब वो परीक्षा में पास नहीं हो पाईं तो उन्होंने पुलिस सेवा में जाने का निर्णय लिया. हालांकि, बाद में मनीषा रुपेता ने फिजिकल थेरेपी की डिग्री ली.
मनीषा रुपेता ने हासिल की 16वीं रैंक
मनीषा रुपेता ने बताया कि उनको पुलिस सेवा की नौकरी बहुत अच्छी लगती थी. वो मेडिकल की तैयारी के साथ-साथ सिंध लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी भी कर रही थीं. मनीषा रुपेता ने कहा कि पुलिस की नौकरी पाने के लिए उनको कड़ी मेहनत करनी पड़ी. मनीषा रुपेता की मेहनत तब सफल हुई जब उन्होंने सिंध लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 16वीं रैंक हासिल की.
मनीषा रुपेता के रिश्तेदारों ने उनसे क्या कहा?
पाकिस्तान की पहली हिंदू महिला डीएसपी मनीषा रुपेता ने बताया कि उनके डीएसपी बनने से उनके समुदाय के लोग बहुत खुश हैं. हालांकि, उनके कुछ रिश्तेदारों ने कहा कि वो ज्यादा दिन तक इस फील्ड में नहीं रह पाएंगी और उनको अपना नौकरी बदलनी पड़ेगी.
मनीषा रुपेता ने कहा कि वो इस धारणा को बदलना चाहती हैं कि अच्छे परिवारों की महिलाएं पुलिस स्टेशन नहीं जाती हैं. आमतौर पर पाकिस्तानी महिलाएं पुलिस स्टेशन जाने से बचती हैं. अगर कभी जाना भी पड़ा तो वो परिवार के किसी पुरुष सदस्य के साथ जाती हैं. हमें महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाना है.
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