US-Pakistan Ties: हिना रब्बानी खार ने कहा कि पाकिस्तान को अब दुनिया की दो सबसे बड़ी महाशक्तियों के बीच एक पक्ष चुनने की जरूरत नहीं है. उन्होंने इस बात पर जोर डाला कि इस्लामाबाद अपने रिश्तों को अहमियत देता है और दोनों देशों के साथ संतुलन बनाए रखना चाहता है.
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China-Pakistan Relations: पड़ोसी देश पाकिस्तान आर्थिक ही नहीं कई अन्य मोर्चों पर भी फंसा हुआ है. चीन के साथ पाकिस्तान की यारी किसी से छिपी नहीं है. लेकिन फिर भी पाकिस्तान अमेरिका और उसके पचड़े में पड़ना नहीं चाहता.
यह कहना है पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार का. हिना ने कहा कि उनका देश अमेरिका और चीन के बीच चल रही प्रतिद्वंद्विता में किसी का पक्ष लेने के लिए मजबूर नहीं होना चाहता. हमारी पहले ही अपनी कई समस्याएं हैं. एक इंटरव्यू में, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अब दुनिया की दो सबसे बड़ी महाशक्तियों के बीच एक पक्ष चुनने की जरूरत नहीं है. उन्होंने इस बात पर जोर डाला कि इस्लामाबाद अपने रिश्तों को अहमियत देता है और दोनों देशों के साथ संतुलन बनाए रखना चाहता है.
पाक पर चीन हुआ आगबबूला
अपने जिगरी दोस्त पाकिस्तान की तरफ से ऐसी टिप्पणी के बाद चीन का बयान सामने आया है. चीन ने पाक की इस टिप्पणी पर आक्रामक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बुनियादी तथ्यों का गंभीर विरोधाभास है, और चीन की राजनीतिक गरिमा का गंभीर उल्लंघन है.
एक्सपर्ट्स ने कही ये बात
वहीं राजनीतिक विश्लेषकों ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए चेतावनी दी है कि इस तरह की टिप्पणी के बाद पाकिस्तान के लिए अमेरिका और चीन दोनों के साथ मजबूत संबंध बनाए रखना और भी मुश्किल हो जाएगा. पाक विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान अमेरिका-चीन के कॉम्पिटिशन का हिस्सा नहीं हो सकता, यह हमारे के लिए खतरा है.
उन्होंने कहा कि 250 मिलियन की आबादी के साथ परमाणु-सशस्त्र पाकिस्तान एशिया में रणनीतिक प्रभाव के कॉम्पिटिशन में सबसे आगे खड़ा है. खार ने कहा कि इस्लामाबाद अमेरिका-चीन प्रतिद्वंद्विता को गंभीर नजरिए से देखता है. हम इस अलगाव को लेकर बहुत परेशान हैं. विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा कि हमारा अमेरिका और चीन दोनों के साथ करीबी रिश्ता रहा है. ऐसे में हम किसी एक का पक्ष नहीं ले सकते.
(इनपुट-IANS)