Pakistan: पाकिस्‍तान के भीतर चीन को मिली खुली चुनौती, 'ड्रैगन' की डगर होगी मुश्किल
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Pakistan: पाकिस्‍तान के भीतर चीन को मिली खुली चुनौती, 'ड्रैगन' की डगर होगी मुश्किल

Balochistan: बलूचिस्तान नेता ने ग्वादर बंदगाह को बंद कराने की धमकी देने के साथ ही सरकार पर आरोप लगाया कि समझौता करने के बाद भी सरकार ने उसकी मांग नहं मानी. वह लगाता इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं. वहीं उन्होंने विपक्ष को लोगों की समस्या न उठाने पर घेरा.

प्रतीकात्मक इमेज

Balochistan and Pakistan Tension: बलूचिस्तान से नेताओं और लोगों की टकराहट पाकिस्तानी सरकार से कई साल से चली आ रही है. इस संघर्ष में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है. पाकिस्तान सरकार बलूचिस्तान के लोगों की आवाज दवाने के लिए लगातार उन पर अत्याचार करती रहती है, लेकिन इसके बावजूद दोनों के बीच में संघर्ष जारी है. पिछले कुछ साल से बलोच आंदोलनकारियों ने अपना तरीका बदला और वह चीन को भी निशाने पर लेने लगे. इस वजह से पिछले एक साल में पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमले बढ़े हैं. कई चीनी नागिरकों की मौत भी हुई है. अब एक बार फिर बलोच नेता ने चीन के लिए खतरे की घंटी बजाई है. बलूचिस्तान के एक प्रमुख नेता ने धमकी दी है कि 21 जुलाई से वह और उनके समर्थक चीन संचालित ग्वादर बंदरगाह को बंद करा देंगे.

क्यों चीन लगातार है निशाने पर

बलूचिस्तान की चीन से टकराहट की सबसे बड़ी वजह सीपीईसी प्रोजेक्ट है. बलूचिस्तान को लगता है कि चीन पाक के साथ मिलकर उसकी संपदा का दोहन कर रहा है. इसलिए वह चीन को दूर रखना चाहता है. बलूचिस्तान पाक से अलग होना चाहता है, लेकिन यह प्रोजेक्ट इसमें भी बाधा है. आपको बता दें कि इसी वजह से चीनी नागरिक बलूच आंदोलनकारियों के निशाने पर हैं. इसकी शुरुआत 2017 से ही हो गई थी. 13 मई 2017 को CPEC प्रोजेक्ट पर काम कर रहे मजूदरों पर हमला हुआ था. इसमें 10 मजदूरों की मौत हुई थी. 23 नवंबर 2018 को कराची स्थित चीनी कांसुलेट जनरल  पर हमला हुआ. इसमें 4 लोगों की जान गई थी. 26 अप्रैल 2022 को कराची यूनिवर्सिटी के पास आत्मघाती धमाके में 3 चीनी नागरिकों समेत 4 की मौत हुई थी.

सरकार पर लगाया समझौते को पूरा न करने का आरोप

पाकिस्तानी मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह की धमकी देने वाले नेता का नाम मौलाना हिदायतुर रहमान बलोच है. रहमान बलोच ग्वादर अधिकार आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं. अपनी मुख्य मांगों के तहत ये लोग ‘ट्रॉलर’ माफिया से बलूचिस्तान के समुद्र तट को आजाद कराना, ग्वादर में हर बॉर्डर पॉइंट को खोलना, इस एरिया में मादक पदार्थों की तस्करी को रोकना और गैर जरूरी चेकपोस्ट को यहां से हटवाना चाह रहे हैं. अप्रैल में बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर अब्दुल कुदूस बिजेंजो ने ग्वादर में आकर उन लोगों को सभी मांगे पूरी कराने का वादा किया था. उन्होंने इसके लिए एक समझौते पर साइन भई किया था, लेकिन अब सरकार फिर से ढुलमुल रवैया अपना रही है. ऐसे में जबूरी में हमें अब बंदरगाह को बंद करने जैसे कदम उठाने पड़ेंगे.

विपक्षी दलों पर भी साधा निशाना

मौलाना हिदायतुर रहमान बलोच सरकार को घेरने के साथ ही बलूचिस्तान के विपक्षी दलों के नेताओं पर भी जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि, लोकल नेता भी प्रांत के लोगों के अधिकारों की आवाज नहीं उठा रहे. इतनी फोर्स इस इलाके में तैनात होने के बाद भी सैकड़ों अवैध ट्रॉलर इस एरिया से अवैध रूप से मछली पकड़कर ले जाते हैं, लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है. जबकि ऐसा करने से स्थानीय मछुआरे संकट में आ रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि मकरान और पंजगुर में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति एकदम खराब है और यह तभी ठीक होगा जब सरकार यहां से फ्रंटियर को हटाएगी. बता दें कि ग्वादर बंदरगाह का चीन के लिए काफी महत्व है. इसकी मदद से चीन अरब सागर तक पहुंच रखता है. इसके अलावा यह दोनों देशों के बीच सबसे बड़े प्रोजेक्ट चीन पाकिस्तान इकोनॉमिग गलियारे (सीपीईसी) के लिए भी महत्वपूर्ण है.

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