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इस्लामाबाद: पाकिस्तान की इमरान खान (Imran Khan) सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए मीडिया पर शिकंजा कसना चाहती है. इसी उद्देश्य से सरकार पाकिस्तान मीडिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑर्डिनेंस, 2021 (Pakistan Media Development Authority-PMDA) लाना चाहती है. इसमें मीडिया और पत्रकारों पर तमाम तरह की बंदिशों का जिक्र है. इतना ही नहीं, सेना (Army) या सरकार के खिलाफ बोलने वालों पर भारी भरकम जुर्माने और जेल का प्रावधान भी किया गया है. इमरान खान की इस ‘चाहत’ का जहां मीडिया विरोध कर रहा है. वहीं, विपक्षी पार्टियां भी प्रधानमंत्री के खिलाफ मैदान में उतर आई हैं.
मीडिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑर्डिनेंस में सेना या सरकार पर कटाक्ष करने या तंज कसने पर रोक लगाने की बात कही गई है. साथ ही यह प्रवधान भी किया गया है कि निर्धारित कानूनों का उल्लंघन करने वालों को 2.5 करोड़ पाकिस्तानी रुपये जुर्माना भरना होगा या फिर उन्हें तीन साल की जेल भी हो सकती है. दरअसल, इमरान खान मीडिया को कानून का खौफ दिखाकर सच्चाई दिखाने से रोकना चाहते हैं. इमरान के राज में पाकिस्तान बदहाली के दौर से गुजर रहा है. बतौर PM इमरान हर लिहाज से विफल रहे हैं.
जानकारों का मानना है कि यदि ये कानून लागू हो गया तो मीडिया पाकिस्तान की सरकार या सेना के खिलाफ नहीं बोल सकेगा. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की सीनेटर शेरी रहमान (Sherry Rehman) ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि सरकार कानून के तहत मीडिया को नियंत्रित करना चाहती है. रहमान ने कहा कि कानून लागू होने के बाद मीडिया संस्थान या तो सरकार के प्रवक्ता बन जाएंगे या फिर उन्हें बर्बाद कर दिया जाएगा. वहीं, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब (Marriyum Aurangzeb) ने कहा की इमरान अभिव्यक्ति की संवैधानिक आजादी को खत्म करने की साजिश रच रहे हैं.
पाकिस्तान फेडरल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (PFUJ) ने ड्राफ्ट का खुलकर विरोध शुरू कर दिया है. उसका कहना है कि कानून के कई प्रावधान अनुचित हैं और उनसे मीडिया की संवैधानिक स्वतंत्रता प्रभावित होगी. इसके अलावा, पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग, पाकिस्तान बार काउंसिल ने भी प्रस्तावित कानून पर आपत्ति जताई है. सभी का एक सुर में कहना है कि इस कानून के दूरगामी परिणाम होंगे, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सूचना के अधिकार की अवधारणा के विपरीत है.
(1) पाकिस्तान मीडिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑर्डिनेंस, 2021 के तहत एक अथॉरिटी का गठन किया जाएगा, जो सभी प्रकार के मीडिया के लिए नियम बनाएगी. इसमें 11 सदस्य और एक अध्यक्ष होगा. इनकी नियुक्ति केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी. (2) इसके अमल में आने के बाद मीडिया से जुड़े सभी कानून रद्द होंगे और सभी का पीएमडीए कानूनों में विलय होगा. (3) मीडिया से जुड़े मामलों के लिए मीडिया ट्रिब्यूनल स्थापित करने का भी प्रस्ताव है. (4) ड्राफ्ट में डिजिटल मीडिया के संचालन के लिए भी टीवी चैनलों की तरह ही लाइसेंस अनिवार्य करने की बात कही गई है. वहीं नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, यूट्यूब चैनल को लेकर भी नियम बनाए जाएंगे. (5) इन नियमों का उल्लंघन करने पर ढाई करोड़ पाकिस्तानी रुपये जुर्माना और तीन साल जेल का भी प्रावधान है.