भारत के हिस्से गिलगिट-बाल्टिस्तान (Gilgit Baltistan) को पाकिस्तान ने प्रॉविंस घोषित कर दिया है, जबकि भारत पहले ही विरोध जता चुका है.
Trending Photos
इस्लामाबाद/नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) ने एक और नापाक हरकत की है. भारत के हिस्से गिलगिट-बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan) को पाकिस्तान ने प्रॉविंस घोषित कर दिया है. पाकिस्तान ने चीन (China) के कर्ज और दबाव के बाद यह फैसला लिया है. वहीं भारत (ndia) पहले ही विरोध जता चुका है. इस्लामाबाद में आयोजित 73वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) ने इस बात का ऐलान किया.
नवंबर में चुनाव
इमरान खान ने ऐलान किया है कि गिलगिट-बाल्टिस्तान को संवैधानिक अधिकार दिए जाएंगे. यहां नवंबर में चुनाव कराए जाएंगे. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ने कहा, 'चुनाव प्रक्रिया के चलते वह गिलगिट-बाल्टिस्तान के लिए विकास पैकेजों की अभी घोषणा या चर्चा नहीं कर सकते. हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है.
यह भी पढ़ें: आमिर खान के खिलाफ BJP विधायक ने दर्ज कराई शिकायत, जानें पूरा मामला
पाकिस्तान से उठी विरोध की आवाज
भारत पहले ही पाकिस्तान के इस कदम का विरोध करता आया है. इमरान खान को इस फैसले के खिलाफ पाकिस्तान के अंदर ही चुनौती मिल चुकी है. पाकिस्तान की इमरान सरकार के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने भी मोर्चा खोल रखा है. जमीयत-ए-उलेमा गिलगिट-बाल्टिस्तान को प्रांत बनाने के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहा है. पाकिस्तान में कहा जा रहा है कि इमरान के इस फैसले से भारत का जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला वैध साबित हो जाएगा. पाकिस्तान सरकार ने विपक्ष को इस मसले पर चुनाव बाद बात का आश्वासन दिया था लेकिन इमरान ने पहले ही ऐलान कर दिया है.
क्या है विवाद
बता दें कि 1935 में ब्रिटन सरकार द्वारा गिलगिट एजेंसी को की गई 60 साल की लीज एक अगस्त 1947 को रद्द कर दी गई. इसके बाद अंग्रेजों ने क्षेत्र को जम्मू एवं कश्मीर के महाराजा हरि सिंह को लौटा दिया था. राजा हरि सिंह ने 31 अक्टूबर 1947 को समूचे जम्मू और कश्मीर का विलय भारत में कर दिया. गिलगिट-बाल्टिस्तान के स्थानीय कमांडर कर्नल मिर्जा हसन खान ने 2 नवंबर 1947 को विद्रोह कर दिया. इसका फायदा उठाते हुए पाकिस्तान ने हमला किया. संयुक्त राष्ट्र द्वारा सीजफायर घोषित करने के बाद से पाकिस्तान अपना कब्जा जताता रहा लेकिन भारत हमेशा से इस इस क्षेत्र को अपना हिस्सा मानता है. लगातार पाकिस्तान की इन हरकतों का विरोध किया जाता रहा है.