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Pakistan stand on India Claim in UNSC Permanent Membership: क्या पाकिस्तान (Pakistan) सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थाई सीट के लिए भारत का समर्थन करने के लिए तैयार हो गया है. पाकिस्तानी मीडिया में इस बारे में कयासबाजियों का दौर जोरों पर है. पाकिस्तानी अखबारों के मुताबिक अमेरिका का दबाव में पाकिस्तान अपने चिर प्रतिद्वंदी भारत का समर्थन करने को तैयार हो गया है. हालांकि पाकिस्तान सरकार ने आधिकारिक रूप से इन खबरों का खंडन जारी किया है.
पाकिस्तानी (Pakistan) सरकार ने शुक्रवार को उस खबर को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान अमेरिकी सरकार को इस तरह का आश्वासन दिया था. पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार अहमद ने कहा कि न्यूयॉर्क में अमेरिकी विदेश मंत्री और पाकिस्तानी विदेश मंत्री के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई थी. इस बैठक में दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हुई लेकिन भारत को सुरक्षा परिषद (UNSC) का स्थाई सदस्य बनाने के मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई.
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बताते चलें कि भारत समेत ब्राजील, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका और जापान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनने के लिए पिछले कई सालों से एकजुट होकर वैश्विक मुहिम चला रहे हैं. पांचों देशों का कहना है कि वे आबादी, क्षेत्रफल और इकोनॉमी के हिसाब से दुनिया के बड़े देशों में शामिल हैं. वैश्विक कल्याण और शांति स्थापना के कार्यों में भी वे खुलकर खर्च करते हैं. ऐसे में उन्हें सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थाई सदस्य बनने का हक मिलना ही चाहिए. भारत की इस मुहिम का चीन और पाकिस्तान जैसे देश अपने स्वार्थ के लिए विरोध करते हैं.
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भारत के लिए सुरक्षा परिषद (UNSC) का स्थाई सदस्य बनने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा चीन है. दरअसल जब भी कभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विस्तार होगा तो उसके लिए सुरक्षा परिषद के पांचों सदस्यों को अपनी लिखित सहमति देनी होगी. इनमें से रूस, अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन भारत के फेवर में हैं लेकिन चीन लगातार अड़ंगे लगा रहा है. ऐसे में अगर प्रस्ताव पेश होने पर चीन वीटो लगा देता है तो भारत का परिषद का स्थाई सदस्य बनने का सपना टूट सकता है.
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