PAK की पहली एस्ट्रोनॉट ने की 'चंद्रयान 2' मिशन की तारीफ, ISRO को दी बधाई
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PAK की पहली एस्ट्रोनॉट ने की 'चंद्रयान 2' मिशन की तारीफ, ISRO को दी बधाई

नमीरा सलीम ने कहा कि चंद्रयान-2 न सिर्फ दक्षिण एशिया के लिए बल्कि पूरे ग्लोबल अंतरिक्ष उद्योग के लिए गर्व का विषय है.'

पाकिस्तान की पहली एस्ट्रोनॉट नमीरा सलीम (फाइल फोटो साभार @namirasalim)

नई दिल्ली: भारत के चंद्रयान 2 मिशन की दुनियाभर के अंतरिक्ष समर्थकों और शोधकर्ता तारीफ कर रहे हैं. अब इस कड़ी में नया नाम पाकिस्तान की पहली एस्ट्रोनॉट नमिरा सलीम का जुड़ गया है. नमीरा सलीम ने इस मिशन के लिए इसरो और भारत को बधाई दी है. 

चंद्रयान 2 के लिए नमीरा सलीम ने कहा, 'मैं चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की चांद के साउथ पोल में सॉफ्ट लैंडिंग की ऐतिहासिक कोशिश के लिए इसरो और भारत को बधाई देती हूं.' 

सलीम ने कहा कि चंद्रयान-2 न सिर्फ दक्षिण एशिया के लिए बल्कि पूरे ग्लोबल अंतरिक्ष उद्योग के लिए गर्व का विषय है.' उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में दक्षिण एशिया का कदम काफी उल्लेखनीय है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन सा देश इसे लीड कर रहा है क्योंकि अंतरिक्ष में राजनीतिक सीमाएं खत्म हो जाती है और सभी एकजुट हो जाते हैं.

बता दें नमीरा सलीम पाकिस्तान की पहली एस्ट्रोनॉट हैं. सलीम सर रिचर्ड ब्रैनसन वर्जिन गैलेक्टिक के साथ अंतरिक्ष जाएंगी. सर रिचर्ड ब्रैनसन वर्जिन गैलेक्टिक दुनिया की पहली कॉमर्शियल स्पेसलाइन है.

दुनिया भर में हो रही है तारीफ 
सलीम अकेली नहीं है दुनिया भर में शोधकर्ता और एस्ट्रोनॉट चंद्रयान 2 मिशन की तारीफ कर रहे हैं. नक्षत्र प्रचारक और वैज्ञानिक एमिली लकड़ावाला ने एक पोस्ट में कहा, 'लोगों के लिए यह बस एक चेतावनी है कि लैंडर को सतह पर लाने के प्रयास में लगे भारत ने चंद्रमा के कक्ष में अपना दूसरा अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक भेज दिया है. चंद्रयान-2 ऑर्बिटर एक साल तक वहां रहेगा. लैंडर मात्र दौ सप्ताह तक ही चलता.'

नासा स्पेसफ्लाईट के लिए लिखने वाले क्रिस जी-एनएसएफ ने कहा, 'अगर विक्रम सतह पर उतरने में विफल हुआ है, जैसा कि लगता है, तो याद रखें कि वहां ऑर्बिटर अभी है, जहां से 95 प्रतिशत प्रयोग हो रहे हैं. ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्ष में सुरक्षित है और अपने मिशन को पूरा कर रहा है. यह पूरी तरह से असफलता नहीं है. बिल्कुल भी नहीं.'

एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के स्पेस टेक्नोलॉजी एंड साइंस इनिशिएटिव में रिसर्च डायरेक्टर और साइंस इनिसिएटीव और मार्स ऑपोर्च्यूनिटी रोवर टीम की सदस्य डॉ. तान्या हैरिसन ने कहा, 'मिशन कंट्रोल में बहुत सारी महिलाओं को देखकर बहुत अच्छा लगा!'

गौरतलब है कि कि चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का चंद्रमा की सतह पर उतरते समय इसरो से संपर्क टूट गया. वहीं 2,379 किलोग्राम का चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगा रहा है. इसरो ने सोमवार को दावा किया है लैंडर विक्रम की लोकेशन का पता चल गया है और इससे संपर्क की कोशिशें जारी है.

 

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