Peshawar Mosque Blast: प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा, ‘यह समय की मांग है कि राजनीतिक दलों के नेतृत्व के साथ-साथ प्रांत और केंद्र आगे बढ़ें और अपने मतभेदों को दूर करें, चाहे वे राजनीतिक हों या धार्मिक.'
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Pakistan News: प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को पेशावर में शीर्ष समिति की बैठक को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय एकता का आह्वान किया, वरना इतिहास हमें माफ नहीं करेगा. लोग, ज्यादातर पुलिसकर्मी. बता दें पेशावर शहर के पुलिस लाइन्स क्षेत्र में एक मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले में 101 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी थे.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें यकीन है कि पूरा देश इस बारे में सोच रहा है कि भविष्य में इस खतरे से कैसे निपटा जाएगा. इस आतंकी लहर को रोकने के लिए क्या उपाय किए जाएंगे? उन्होंने कहा, ‘यह समय की मांग है कि राजनीतिक दलों के नेतृत्व के साथ-साथ प्रांत और केंद्र आगे बढ़ें और अपने मतभेदों को दूर करें, चाहे वे राजनीतिक हों या किसी धार्मिक कारणों से संबंधित हों.
पाक पीएम ने कहा, ‘हमें एकजुट होकर इससे निपटना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि यह ‘वह क्षण है जिसमें कौमें बनती भी हैं और टूटती भी हैं. उन्होंने कहा कि देश इस चुनौती को ‘सामूहिक रूप से’ दूर करेगा. सभी संसाधन जुटाए जाएंगे. यह बैठक इस खतरे के उन्मूलन तक एक साथ रहने के हमारे उद्देश्य की पुष्टि करती है.
शहबाज शरीफ की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान आतंकवाद की लहर से प्रभावित है, ज्यादातर खैबर पख्तूनख्वा में, लेकिन बलूचिस्तान और पंजाब के मियांवाली शहर में भी, जो केपी की सीमा से लगा हुआ है. एक आतंकी हमला इस्लामाबाद के बाहरी इलाकों में हुआ है.
जनवरी 2018 के बाद से सबसे घातक महीना था, जिसमें देश भर में कम से कम 44 आतंकवादी हमलों में 134 लोगों ने अपनी जान गंवाई और 254 लोग घायल हुए.
बैठक में पीएम ने और क्या कहा
पीएम शरीफ ने अपना भाषण शुरू में ही राजनीतिक स्पेक्ट्रम में एकता का आह्वान किया और आतंकवाद के मद्देनजर विपक्षी दलों से संघीय सरकार के खिलाफ की गई आलोचना पर निराशा व्यक्त की. उन्होंने कहा, ‘मस्जिद में नमाज पढ़ने वाले 80 से ज्यादा लोगों को बर्बर तरीके से मारा गया. हम यहां उनके परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने के लिए हैं और यह बैठक का उद्देश्य है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आतकंवादी ने सुरक्षा जांच चौकी को तोड़कर मस्जिद तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की. हमें तथ्यों को स्वीकार करने में संकोच नहीं करना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि यह पूछा जा रहा है कि कुछ साल पहले खत्म हो चुके आतंकवाद के बाद ऐसा कैसा हुआ. हालांकि, उन्होंने हमले के बाद फैली 'साजिश की थ्योरी' पर पलटवार किया.
‘सोशल मीडिया पर अनुचित आलोचना देखी गई’
पीएम ने कहा, ‘इस घटना के मद्देनजर, सोशल मीडिया पर अनुचित आलोचना देखी गई. यह निश्चय ही निंदनीय है. सुरक्षा चूक के कारण घटना घटित होने की जांच की जाएगी. लेकिन यह कहना कि यह एक ड्रोन हमला था और इसी तरह के अन्य आरोप इस दुखद समय में गैरजरूरी थे.‘
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