पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कुछ मंत्रियों के साथ अफगानिस्तान पहुंचे हैं. उनकी इस यात्रा को लेकर अफगानिस्तान में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शांति का ढोंग करने वाले इमरान खान को अफगानिस्तान नहीं आना चाहिए.
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काबुल: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की यात्रा को लेकर अफगानिस्तान (Afghanistan) में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. गुरुवार को भारी संख्या में लोगों ने काबुल की सड़कों पर उतरकर पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों के हाथों में बैनर और पोस्टर थे, जिन पर लिखा था, 'पाकिस्तान आतंकवाद का जनक, प्रायोजक और निर्यातक है’.
कई जगह प्रदर्शन
प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान विरोधी नारे लगाये और कहा कि पाकिस्तान को हिंसा फैलाना बंद करना चाहिए. बता दें कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अपने कुछ मंत्रियों के साथ अफगानिस्तान दौरे पर हैं. वैसे, इस तरह के प्रदर्शन केवल काबुल में ही नहीं दक्षिण पश्चिम पाकटिया और खोस्ट राज्य में भी हो रहे हैं.
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अस्थिर करना चाहता है पाक
इमरान खान अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) के साथ शांति प्रक्रिया और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा के लिए अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर गुरुवार को काबुल पहुंचे हैं. इमरान का दौरा ऐसे समय हुआ है जब अफगान और तालिबान (Taliban) के बीच चल रही बातचीत के बावजूद हिंसा जारी है. लंबे समय से यह माना जाता रहा है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान को अस्थिर करने के लिए वहां आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है.
शांति का ढोंग कर रहे इमरान
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में सक्रिय 6,500 पाकिस्तानी आतंकवादियों में से अधिकांश तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के हैं. अफगान के लोग भी यह मानते हैं कि उनके देश में होने वाली आतंकी गतिविधियों में पाकिस्तान का हाथ है. इसलिए वह इमरान की यात्रा का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इमरान यहां शांति के प्रयासों का ढोंग करने के लिए आये हैं.
EFSAS की रिपोर्ट ने दिखाई सच्चाई
हाल ही में यूरोपीय थिंक टैंक यूरोपीयन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (EFSAS) की रिपोर्ट में भी यही दर्शाया गया था कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में चल रही तालिबानी हिंसा को भड़काने की कोशिश कर रहा है. मालूम हो कि अफगान सरकार की तालिबान से शांति वार्ता चल रही है, लेकिन तालिबान ने पूरी तरह से युद्ध विराम नहीं किया है. पाकिस्तान तालिबान से शांति वार्ता में अहम भूमिका निभा रहा है.