Pakistan में मंहगाई से बुरा हाल, बलूचिस्तान में आटे की कीमत जान रह जाएंगे हैरान
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Pakistan में मंहगाई से बुरा हाल, बलूचिस्तान में आटे की कीमत जान रह जाएंगे हैरान

Pakistan Economic Crisis:  पाकिस्तान रमजान के समय से ही आटे के संकट से जूझ रहा था और अब भी इसकी किल्लत जारी है. कुछ समय पहले पाकिस्तान के आटा मिल्स एसोसिएशन ने सभी मिलों को अनिश्चितकालीन बंद करने की घोषणा की थी.

Pakistan में मंहगाई से बुरा हाल, बलूचिस्तान में आटे की कीमत जान रह जाएंगे हैरान

Pakistan News: पाकिस्तान की आवाम इस समय दोहरी चुनौ ती का सामना कर रहे हैं. एक और देश में जहां राजनीतिक तनाव चरम पर पहुंच गया है जबकि वहीं आर्थिक संकट भी बना हुआ है. पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया ने बताया कि बलूचिस्तान के विभिन्न जिलों में चीनी और आटे की कीमतें एक बार फिर आसमान छू रही हैं. बता दें  पाकिस्तान रमजान के समय से ही आटे के संकट से जूझ रहा था और अब भी इसकी किल्लत जारी है.

प्रांतीय राजधानी क्वेटा सहित विभिन्न जिलों में चीनी 130 पाकिस्तानी रुपये से 200 रुपये प्रति किलो बेची जा रही है जबकि आटा 2600 रुपये से 4000 रुपये में 20 किलोग्राम मिल रहा है.

रोजनामा इंतेखाब ने बताया कि चीनी की कीमत दालबंदिन में सबसे अधिक 200 पाकिस्तानी रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि आटे की उच्चतम कीमत सहाबतपुर में 4000 रुपये प्रति 20 किलोग्राम दर्ज की गई है.

आटा मिल्स एसोसिएशन ने की थी हड़ताल की घोषणा
एआरवाई न्यूज के मुताबिक इससे पहले, मई में पाकिस्तान के आटा मिल्स एसोसिएशन ने सभी मिलों को अनिश्चितकालीन बंद करने की घोषणा की थी.

फ्लोर मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चौधरी आमिर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आटा मिलें हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगी क्योंकि खाद्य विभाग ने उनके साथ धोखा किया है.

आमिर ने कहा कि जब सिंध के अंदर से कराची में गेहूं की आवक पर प्रतिबंध के कारण मिलें हड़ताल पर चली गई थीं, उस समय प्रांतीय खाद्य मंत्री ने पांच लाख बैग गेहूं का वादा किया था. यह कराची की मिलों के लिए दो महीने के लिए काफी था. एआरवाई न्यूज के मुताबिक, आश्वासन पर आटा मिलों ने हड़ताल खत्म कर दी.

देश की अर्थव्यवस्था का नाजुक हालत
दुनिया डेली ने के मुताबिक राष्ट्रीय लेखा समिति द्वारा जारी चालू वित्त वर्ष के दौरान पाकिस्तान की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की विकास दर के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास दर का लक्ष्य 5 फीसदी रखा गया था. हालांकि, वास्तविक वृद्धि 0.29 प्रतिशत बताई गई है.

औद्योगिक क्षेत्र का विकास लक्ष्य 7.4 प्रतिशत था. हालांकि, औद्योगिक क्षेत्र का विकास लक्ष्य 2.94 प्रतिशत पर बना रहा. चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का लक्ष्य 11.5 प्रतिशत निर्धारित किया गया था. हालांकि, दुनिया डेली की रिपोर्ट के मुताबिक, यह 55 साल के उच्चतम स्तर 36.4 प्रतिशत पर पहुंच गया है.

(इनपुट - ANI)

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