LAC पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है. वह चीन के पड़ोसी मुल्क के साथ एक खास अभ्यास पर काम करेगा. क्या है वो कदम, जानने के लिए पढ़ें ये पूरी खबर.
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Indian Army: वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत पड़ोसी मुल्क नेपाल के साथ सैन्य प्रशिक्षण करने वाला है. भारत और नेपाल दोनों देशों की सेनाओं के बीच दोस्ताना संबंध को और मजबूत बनाने के लिए शुक्रवार से 16वां संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास ‘सूर्य किरण’ शुरू होगा.
भारत-नेपाल सीमा के पास होगा अभ्यास
सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए भारतीय सेना का दल बुधवार को नेपाल पहुंचा. यह अभ्यास भारत-नेपाल सीमा के पास रूपनदेही के सालझंडी में होगा. काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने बुधवार को ट्वीट किया, भारतीय सेना का दल 16वां भारत-नेपाल सैन्य अभ्यास ‘सूर्य किरण’ में हिस्सा लेने के लिए आज नेपाल के सालझंडी पहुंचा. यह अभ्यास पेशेवर अनुभवों को आपस में साझा करने और दोनों देशों की सेनाओं के बीच दोस्ती को मजबूत बनाने के लिहाज से एक प्रतिमान है.
इसके पहले इस अभ्यास के 15वें संस्करण का आयोजन पिथौरागढ़ में किया गया गया था जिसमें दोनों देशों के 650 सैनिकों ने हिस्सा लिया था. भारतीय सेनाध्यक्ष मनोज पांडे ने गत सितंबर में नेपाल की यात्रा की थी. इस यात्रा के दौरान जनरल पांडे को राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने नेपाली सेना के जनरल की मानद उपाधि प्रदान करके सम्मानित किया था. नेपाल और भारत के बीच 1850 किलोमीटर लंबी सीमा है जो सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से होकर गुजरती है.
कजाकिस्तान के साथ भी अभ्यास
नेपाल के साथ सैन्य अभ्यास से पहले भारत ने कजाकिस्तान की सेना के साथ गुरुवार को अभ्यास शुरू किया. दोनों पक्षों के बीच सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से मेघालय के उमरोई में दो सप्ताह के आतंकवाद-रोधी अभ्यास का आयोजन हो रहा है.
वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास 2016 में 'प्रबल दोस्तीक' अभ्यास के रूप में शुरू किया गया था, जिसे 2018 में अभ्यास काजिंद का नाम दिया गया था. सेना ने कहा, भारत-कजाकिस्तान संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास 'काजिंद-22' का छठा संस्करण 15 से 28 दिसंबर तक उमरोई में आयोजित होगा.
सेना ने कहा कि अभ्यास का उद्देश्य सकारात्मक सैन्य संबंध बनाना, एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं को आत्मसात करना और अर्ध-शहरी और जंगल परिदृश्य में आतंकवाद-रोधी अभियानों को अंजाम देते हुए एकसाथ काम करने की क्षमता को बढ़ावा देना है. सेना ने कहा कि यह अभ्यास भारतीय सेना और कजाकिस्तान की सेना के बीच रक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाएगा जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती देगा.
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