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टावरों का टंटा ही खत्म, मोबाइल तकनीक में दुनिया से चार कदम आगे निकल गया चीन

China Tiantong Satellite: मोबाइल तकनीक के मामले में चीन बाकी दुनिया से कई कदम आगे निकल गया है. चीन ने दुनिया का पहला ऐसा सैटेलाइट बना लिया है जिससे सीधे स्मार्टफोन से कॉल हो सकती है. इसके लिए धरती पर टावरों का नेटवर्क या अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं पड़ेगी.  मेनस्ट्रीम होने के बाद, सैटेलाइट फोन की जरूरत भी नहीं रह जाएगी. सैटेलाइट कम्युनिकेशंस की फील्ड में चीन की यह उपलब्धि 'मील का पत्थर' साबित साबित हो सकती है. चीन ने इस प्रोजेक्ट को 'टियांटांग' (Tiantong) नाम दिया है जिसका मतलब होता है, 'स्वर्ग से जुड़ना'. Tiantong-1 सैटेलाइट सीरीज का पहला लॉन्‍च 6 अगस्त, 2016 को हुआ था. अब ऐसे तीन सैटेलाइट 36,000 किलोमीटर वाले ऑर्बिट में मौजूद हैं. इनकी मदद से चीन पूरे एशिया-पैसिफिक को कवर कर लेता है. पिछले साल सितंबर में Huawei ने दुनिया का पहला स्मार्टफोन लॉन्च किया था जिससे सैटेलाइट कॉल की जा सकती थी. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, Xiaomi, Honor और Oppo जैसे अन्य मोबाइल निर्माता भी ऐसे स्मार्टफोन डेवलप कर रहे हैं. चीन की यह खोज आपातकालीन परिस्थितियों में कारगर साबित हो सकती है. (Photo : Dall-E AI)

2008 में भयंकर भूकंप के बाद आया आइडिया

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2008 में भयंकर भूकंप के बाद आया आइडिया

चीन को ऐसे सैटेलाइट्स को आइडिया 2008 में आया था. तब दक्षिणपश्चिमी चीन में 8 मैग्नीट्यूड वाला भयानक भूकंप आया था. 80,000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी. प्रभावित इलाकों में संचार व्‍यवस्‍था चौपट हो जाने से परेशानी और बढ़ गई थी. रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी हुई जिसकी वजह से संकट और बड़ा हो गया. उस संकट के बाद ही चीन की सरकार ने Tiantong प्रोजेक्ट की शुरुआत की. (Photo : Lexica AI)

क्या है Tiantong Project?

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क्या है Tiantong Project?

Tiantong Project एक तरह का सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम है जो चीन ने विकसित किया है. इसका मकसद सभी को कम्युनिकेशन सर्विसेज का यूनिवर्सल एक्सेस मुहैया कराना है. चीन इस क्षेत्र में सबसे आगे है. वह सैटेलाइट कम्युनिकेशन तकनीक में दुनिया का नेतृत्व करता है.  (Photo : Lexica AI)

सैटेलाइट के जरिए कॉल क्यों है 'गेमचेंजर?

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सैटेलाइट के जरिए कॉल क्यों है 'गेमचेंजर?

मोबाइल फोन को सीधे सैटेलाइट से जोड़ना तकनीकी विकास के क्षेत्र में नया ट्रेंड है. चाइना एकेडमी ऑफ स्पेस साइंस के मुताबिक, धीरे-धीरे पब्लिक के बीच भी सैटेलाइट कम्युनिकेशन लोकप्रिय हो जाएगा. डायरेक्ट सैटेलाइट कम्युनिकेशंस से इमरजेंसी सिचुएशन में बड़ी मदद मिल सकती है. प्राकृतिक आपदाओं के चलते अक्सर ही संचार व्यवस्था ध्वस्त हो जाती है. मोबाइल कम्युनिकेशंस के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान होने से बड़ी परेशानी होती है.

डायरेक्ट सैटेलाइट कॉलिंग का एक फायदा यह होगा कि कनेक्शन कभी टूटेगा नहीं. पिछले साल दिसंबर में, चीन के गांसू प्रांत में 6.2 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. उस दौरान भी लोग बाहरी दुनिया से जुड़े रह पाए क्योंकि उनके स्मार्टफोन्स में सैटेलाइट कॉल का फंक्शन मौजूद था.

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