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Congress Candidate list: पिता-पुत्र की जोड़ी जिन्हें कांग्रेस पार्टी से मिला सांसद बनने का मौका

 कांग्रेस की लोकसभा कैंडिडेट्स की सूची जारी होने के बाद से सियासत गरमाई हुई है. कांग्रेस की चौथी लिस्ट जारी की है उस लिस्ट में 46 उम्मीदवारों के नाम हैं. इस तरह अब तक 183 उम्मीदवारों का ऐलान हो चुका है.

राजीव गांधी-राहुल गांधी

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राजीव गांधी-राहुल गांधी

कांग्रेस पार्टी के केंद्र में रहे परिवार से आने वाले राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. कांग्रेस के कई नेता उनके बेटे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जो वायनाड से सांसद हैं, उनको पीएम इन वेटिंग मानते हैं. राहुल पिछला चुनाव यूपी की अमेठी सीट से हार गए थे. वायनाड की जनता ने उन्हें चुना था. ऐसे में 2024 में पार्टी ने उन्हें वहीं से मौका दिया है. राजीव गांधी की बात करें तो 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को रिकॉर्ड तोड़ सीटें मिली थीं. इंदिरा गांधी की हत्या से पैदा हुई हमदर्दी ने राजीव गांधी को सत्ता पर बैठाया. कांग्रेस ने 401  सीटों का प्रचंड बहुमत हासिल कर इतिहास रचा. तब चुनाव 542 लोकसभा सीटों के लिए हुआ था.  और इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को सिर्फ 2 सीटें मिली थीं.

कमलनाथ-नकुलनाथ (छिंदवाड़ा)

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कमलनाथ-नकुलनाथ (छिंदवाड़ा)

देश का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी की रीढ़ रहे कमलनाथ छिंदवाड़ा का प्रतिनिधित्व करते हैं. मोदी लहर में भी ये किला अभेद रहा है. वो यहां से सांसद रह चुके हैं. कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ को छिंदवाड़ा से टिकट मिला है. वो वर्तमान में इसी सीट से सांसद हैं. हाल ही में कमलनाथ के गढ़ और कांग्रेस के अभेद किले में नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने काफी नुकसान पहुंचा है. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस इस डैमेज को कंट्रोल करने में जुट गई है. जहां सांसद नकुल नाथ नेताओं से बात करेंगे. वहीं, 26 मार्च को कमलनाथ नेताओं से बात करने आएंगे.

अशोक गहलोत-वैभव गहलोत (जालोर-सिरोही)

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अशोक गहलोत-वैभव गहलोत (जालोर-सिरोही)

कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान के पूर्व सीएम और पार्टी के जादूगर कहे जाने वाले अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को जालोर-सिरोही लोकसभा सीट से टिकट दिया है. अशोक गहलोत जोधपुर संसदीय क्षेत्र से 8वीं लोकसभा (1984-1989), 10वीं लोकसभा (1991-96), 11वीं लोकसभा (1996-98) और 12वीं लोकसभा (1998-1999) में कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्‍व कर चुके हैं. वैभव गहलोत को जालोर-सिरोही लोकसभा सीट से टिकट मिलने के बाद शनिवार की शाम पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहली बार जालोर पहुंचे तो उन्होंने कांग्रेस के अग्रिम पंक्ति के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की बैठक ली थी. तब उन्होंने कहा कि वैभव को इस बार जालोर-सिरोही को सौंप रहा हूं. आप उसका ख्याल रखना.

हरीश रावत-वीरेंद्र रावत (हरिद्वार)

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हरीश रावत-वीरेंद्र रावत (हरिद्वार)

हरीश रावत (Harish Rawat) तीन बार उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनका राजनीतिक करियर काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है. 1980 में वो पहली बार अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के बड़े नेता मुरली मनोहर जोशी को हराकर संसद पहुंचे थे. कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीत कर आए हरीश रावत को केंद्र में श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री बनाया गया. शनिवार देर रात कांग्रेस ने बीजेपी के मंझे हुए वरिष्ठ नेताओं और दिग्गज प्रत्याशियों के मुकाबले युवा चेहरों के नाम घोषित कर दिए. हरिद्वार में हरीश रावत के बेटे विरेंद्र रावत तो नैनीताल सीट पर प्रकाश जोशी को प्रत्याशी घोषित किया गया है. उत्तराखंड कांग्रेस की बात करें तो प्रत्याशियों के चयन खासकर हरिद्वार सीट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपनी बात मनवाने में सफल रहे. वो अपने पुत्र वीरेंद्र रावत के लिए टिकट की मांग कर रहे थे, जबकि पार्टी के कई नेता वर्तमान राजनीतिक चुनौती को देखते हुए हरीश रावत को मजबूत प्रत्याशी बताते रहे. उनकी पत्नी रेणुका रावत हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव हार चुकी हैं. वहीं बेटे विरेंद्र के राजनैतिक कैरियर का यह पहला चुनाव है. 

सुजान सिंह बुंदेला - चंद्रभूषण सिंह बुंदेला उर्फ गुड्डू राजा (सागर)

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सुजान सिंह बुंदेला - चंद्रभूषण सिंह बुंदेला उर्फ गुड्डू राजा (सागर)

कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश की सागर सीट से चंद्रभूषण सिंह बुंदेला उर्फ गुड्डू राजा को टिकट दिया है. उनके पिता भी कांग्रेस पार्टी से सांसद रह चुके हैं. उनके पिता का नाम सुजान सिंह बुंदेला है. यूपी के बुंदेलखंड इलाके में एक समय राजपूत क्षत्रप सुजान सिंह बुंदेला की तूती बोलती थी. उन्होंने सत्तर के दशक के अंत में अपनी राजनीतिक यात्रा कांग्रेस पार्टी शुरू की थी. वह दो बार सांसद भी रहे, लेकिन उन्होंने 2009 में सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया. पिछले साल उनके बेटे चंद्रभूषण सिंह बुंदेला उर्फ गुड्डू राजा को मध्य प्रदेश कांग्रेस का प्रदेश महामंत्री बनाया गया. गुड्डू राजा को बुंदेलखंड के छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना आदि जिलों में आगामी विधानसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए पार्टी के जिला कांग्रेस अध्यक्षों से समन्वय बनाकर संगठन की मजबूती के लिए कार्य करने की जिम्मेदारी दी गई थी. बुंदेलखंड की सियासत में बुंदेला परिवार की काफी दबदबा रहा है. कांग्रेस के पूर्व सांसद सुजान सिंह के बेटे चंद्रभूषण सिंह बुंदेला उर्फ गुड्डू राजा दो सिंतबर को बीएसपी का दामन छोड़कर भोपाल में कांग्रेस में शामिल हुए थे. 

पीएल पुनिया-तनुज पुनिया (बाराबंकी)

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पीएल पुनिया-तनुज पुनिया (बाराबंकी)

सपा से गठबंधन के बाद बाराबंकी सीट पर कांग्रेस ने पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया को चौथा मौका दिया है. तनुज लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेता पीएल पुनिया के पुत्र तनुज पुनिया अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए चौथी बार चुनाव मैदान में होंगे. डॉ. पीएल पुनिया ने सेवानिवृति के बाद बाराबंकी को ही अपनी राजनीति की कर्मस्थली बनाया और यहां से सांसद रहे. पीएल पुनिया ने जिले में कांग्रेस को मजबूत किया. उनके सुपुत्र तनुज रुड़की से आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग करने के बाद विदेश पढ़ने गए. वह प्रियंका गांधी की यूथ टीम के सदस्य भी हैं. पीएल पुनिया उन्हें अपना उत्तराधिकारी बना रहे हैं. 

कुंवर अली दानिश अली (अमरोहा)

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कुंवर अली दानिश अली (अमरोहा)

बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी की ओर से अमर्यादित टिप्पणी किए जाने के बाद चर्चा में आए दानिश अली का राजनीति से पुराना नाता है. उन्हें कांग्रेस ने अमरोहा से टिकट दिया है. उनके दादा कुंवर महमूद अली 1957 में विधायक चुने गए थे. दानिश अली करोड़ों की संपत्ति के मालिक भी हैं. दानिश अली अमरोहा से बीएसपी सांसद हैं. 2019 के चुनाव में इन्होंने बीजेपी के कंवर सिंह तंवर और कांग्रेस के सचिन चौधरी को मात देते हुए जीत हासिल की थी. दानिश का राजनीति से पुराना नाता रहा है. इनके दादा कुंवर महमूद अली 1977 में हापुड़ लोकसभा सीट से सांसद भी चुने गए थे. हापुड़ दानिश अली का गृह जिला है. पिता जफर अली सांसद तो नहीं बने लेकिन कांग्रेस पार्टी से सांसदी की राजनीति में जरूर सक्रिय रहे.

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