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Delhi-Meerut RRTS: '3 साल में 1000 करोड़ विज्ञापनों पर खर्च कर दिए तो...', रैपिडएक्स प्रोजेक्ट पर दिल्ली सरकार को मिला ये 'सुप्रीम' आदेश

Delhi-Meerut RRTS Project Update: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली सरकार को दो महीने के भीतर 415 करोड़ रुपये देने का आदेश दिया है.जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने कहा, AAP सरकार ने पिछले 3 साल में विज्ञापनों पर 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए, तो निश्चित रूप से इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए भी पैसा दिया जा सकता है.

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दिल्ली सरकार ने आरआरटीएस प्रोजेक्ट के लिए पैसे देने में असमर्थता जाहिर की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसे पिछले तीन साल में विज्ञापनों पर खर्च की गई रकम बताने का निर्देश दिया था.

 

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सेमी-हाई स्पीड रीजनल ट्रेन सर्विस का नाम 'रैपिडेक्स' है और इसका कंस्ट्रक्शन NCRTC कर रहा है जो केंद्र, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकारों का जॉइंट एंटरप्राइज है.एनसीआरटीसी का टारगेट 2025 तक 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रूट को शुरू करने का है.

 

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पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि क्यों दिल्ली सरकार के पास ऐसे प्रोजेक्ट के लिए पैसे नहीं हैं, जिससे यातायात आसान होगा. 

 

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कोर्ट ने कहा था, 'अगर आपके  पास विज्ञापनों के लिए पैसे हैं तो ऐसे प्रोजेक्ट के लिए क्यों नहीं , जिससे यातायात सुचारू रूप से चलेगा.'

 

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कोर्ट ने कहा था, 'आपने विज्ञापनों पर पैसे खर्च किए. हमें उस पर टिप्पणी करने के लिए मजबूर मत कीजिए.  उस पर भी पैसे खर्च हुए हैं. आमतौर पर अदालतें बजट पॉलिसी पर सवाल नहीं उठातीं लेकिन अगर आप कहते हैं कि आपके पास पैसे नहीं हैं तो हम जानना चाहेंगे कि वह कहां गया?'

 

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बता दें कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस प्रोजेक्ट का 17 किलोमीटर लंबा साहिबाबाद-दुहाई डिपो वाला सेक्शन कुछ हफ्तों के अंदर शुरू हो जाएगा. 

 

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