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माया सभ्‍यता के कंकालों ने खोला हजारों साल पुराना रहस्य, जवान लड़कों की दी जाती रही बलि

Maya Civilization Rituals In Hindi: हजारों साल पुरानी माया सभ्‍यता में बच्चों की बलि से जुड़ा राज खुल गया है. DNA एनालिसिस से पता चला है कि हजारों साल पुरानी माया सभ्यता में किशोरों की बलि दी जाती थी. अभी तक यह समझा जाता था कि बलि के लिए जवान बच्चियों को चुना जाता था. मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी के रिसर्चर्स ने प्राचीन DNA की जांच के बाद यह दावा किया है. चुल्टुन नाम के भूमिगत कक्ष में 64 व्यक्तियों के अवशेष मिले, ये सभी युवा लड़कों के थे. अधिकतर एक-दूसरे के रिश्तेदार थे और उनमें दो जुड़वा भी शामिल थे. यह  खोज उस आम धारणा का खंडन करती है कि बलि का शिकार आमतौर पर युवा लड़कियां होती थीं.

'खास वजह से बलि के लिए चुने गए थे'

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'खास वजह से बलि के लिए चुने गए थे'

नई रिसर्च से मेक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप के चिचेन इट्ज़ा में बच्चों की बलि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई. सेंट्रो INAH युकाटन के आर्कियोलॉजिस्ट ओना डेल कैस्टिलो-चावेज कहते हैं, 'नर बच्चों की समान आयु और आहार, उनका घनिष्ठ आनुवंशिक संबंध, और यह तथ्य कि उन्हें 200 से ज्यादा सालों तक एक ही स्थान पर दफनाया गया था, चुल्टुन को बलि के बाद दफनाने की जगह बताते हैं, जहां बलि दिए गए व्यक्तियों को किसी खास वजह से चुना गया था.'

'100 से ज्यादा बच्चों के अवशेष मिले'

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'100 से ज्यादा बच्चों के अवशेष मिले'

चुल्टुन में बच्चों की बलि दी जाती थी, इस बात का पता हमें 1967 में लगा. जब खुदाई के दौरान इस कक्ष और उसके भयानक रहस्यों का पता चला. कभी यह एक पानी का कुंड था, बाद में चुल्टुन को पास की गुफा से जोड़ने के लिए बड़ा किया गया था. कक्ष के भीतर 100 से अधिक बच्चों के अवशेष मिले थे.

DNA से हुई लिंग की पहचान

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DNA से हुई लिंग की पहचान

सिर्फ हड्डियों से इन बच्चों के लिंग का पता लगा पाना मुश्किल था इसलिए पीड़ित लड़कियां थीं, यह धारणा बनी रही. हाल के दिनों में ऐसे सबूत मिले कि शायद पीड़ितों में से कुछ पुरुष भी थे. अब अत्याधुनिक तकनीक की मदद से वैज्ञानिक प्राचीन DNA को सीक्वेंस कर पाए जिससे यह रिसर्च संभव हो सकी. इम्यूनोजेनेटिक्स एक्सपर्ट रोड्रिगो बारक्वेरा के नेतृत्व में रिसर्चर्स की एक टीम ने चिचेन इट्ज़ा की हड्डियों पर स्टडी की.

'लोकल बच्चों की दी जाती थी बलि'

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'लोकल बच्चों की दी जाती थी बलि'

रिसर्चर्स ने कुल 64 व्यक्तियों के अवशेषों की जांच की. उन्होंने आइसोटोप रेशियो का भी एनालिसिस किया. पिछली रिसर्च इस ओर इशारा करती थीं कि कुछ बच्चों को कहीं और से लाया गया था. हालांकि, आधुनिक तरीके से जांच में पता चला कि सभी बच्चों का भोजन वही था, जो स्थानीय निवासी खाते थे. मतलब कि सारे बच्चे स्थानीय समुदायों से ताल्लुक रखते थे.

'जोड़‍ियों में दी जाती थी इन बच्चों की बलि'

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'जोड़‍ियों में दी जाती थी इन बच्चों की बलि'

वैज्ञानिकों ने जितनी भी हड्डियों की जांच की, सभी लड़कों की निकलीं. उनमें से कम से कम एक-चौथाई बच्चे आपस में रिश्तेदार थे. उनकी डाइट भी एक जैसी थी जिससे मालूम होता है कि शायद वे एक ही घर में रहते हों. मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी की आर्कियोलॉजिस्ट कैथरीन नेगेले कहती हैं, 'सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि हमने एक जैसे जुड़वा बच्चों की दो जोड़ियों की पहचान की है.'

इससे पता चलता है कि लड़कों को शायद जोड़‍ियों में अनुष्ठान के लिए चुना जाता था. सामान्य आबादी में केवल 0.4 प्रतिशत मामलों में ही समान जुड़वा बच्चे संयोगवश होते हैं, इसलिए चुल्टुन में दो जोड़ों की संख्या अपेक्षा से अधिक है.

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