Abu Mohammed Al Julani is alive: सीरिया में सालों से चला आ रहा गृह युद्ध आखिरकार खत्म हो गया. सीरिया के विद्रोही और बागी असद सरकार के लिए दशकों से चुनौती बने थे. 2024 के दिसंबर में बागी हर हाल में असद की सत्ता को उखाड़ फेकने के जज्बे से आगे बढ़े और दो-तिहाई देश का नियंत्रण उन्होंने अपने कब्जे में ले लिया. रूस ने अपने दोस्त और राष्ट्रपति बसर अल असद की मदद के लिए हवाई हमले तेज किए. जिसमें एचटीएस चीफ जुलानी की मौत का दावा किया गया, जो फर्जी निकला.
रिपोर्ट्स के मुताबिक अबू मोहम्मद अल-जुलानी को बगदादी ने सीरिया में गृह युद्ध के दौरान अल-कायदा का नेतृत्व करने के लिए चुना था. जुलानी ने सीरिया में कायदा की शाखा अल-नसुरा की स्थापना की और राष्ट्रपति असद के खिलाफ जिहाद शुरू किया. दुनिया का ध्यान जब ISIS को हराने पर था, उल दौरान जुलानी ने धीरे-धीरे और लगातार सीरिया के इदलिब में अपना खुद का जनाधार और ताकत बढ़ाई. आगे ISIS की हार हुई और बगदादी मारा गया, लेकिन जुलानी बच गया. उसने अल नुसरा का नाम बदलकर हयात तहरीर अल-शाम कर दिया.
HTS के चीफ की रूस के हवाई हमले में मौत होने की खबर तेजी से वायरल हुई थी. हालांकि उसकी पुष्टि नहीं हुई थी. HTS ने ही असद राज के खिलाफ जंग का नेतृत्व किया और अलेप्पो समेत तमाम बड़े हिस्से में सीरियाई विद्रोहियों का कब्जा हो गया.
यरूशलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, HTS साल 2017 में कई सीरिया के अलग अलग जिहादी समूहों से निकले लड़ाकों से मिलकर बना गुट है. इसके कमांडर अल नुसरा फ्रंट से जुड़े रहे हैं. अल नुसरा, अल कायदा की सीरियाई शाखा थी. अबू मोहम्मद अल जुलानी के नेतृत्व वाले HTS का अल कायदा से संबंध है.
दुश्मन का दुश्मन अगर दोस्त होता है तो दोस्त का दुश्मन भी दुश्मन माना जाता है. इस थ्योरी से इतर जुलानी से अमेरिका और यूरोप भी खार खाए बैठा था. अमेरिका ने उस पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा था. यहां दिलचस्प बात ये रही कि जुलानी कई महीनों से पश्चिमी जगत को ये समझाने की कोशिश कर रहा है कि HTS उनके लिए खतरा नहीं है. तमाम रिपोर्ट्स के मुताबिक अल-शरा ने खुद को लिबरल दिखाने की बहुत कोशिश की.
सीरिया के हालात को लेकर रूस की सरकार द्वारा तैनात अधिकारियों ने कहा कि हमलों ने अलेप्पो और इदलिब प्रांत में आतंकवादी समूहों, कमांड पोस्ट, डिपो और तोपखाने की पोजिशन को निशाना बनाया. उन्हें नुकसान पहुंचा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस के पुतिन ने सीरियाई राष्ट्रपति और अपने दोस्त असद की दोस्ती का हक अदा कर दिया. इस सिलसिले में असद का सिरदर्द बन चुके बागी अबू मोहम्मद अल जुलानी (Abu Mohammed al-Jolani) की मौत का दावा किया गया. अबू मोहम्मद अल जुलानी सीरिया के खूंखार आतंकी समूह हयात तहरीर अल शाम (HTS) का नेता था. हालांकि, उसकी मौत की पुष्टि नहीं हुई थी. बाद में ये खबर फर्जी निकली.
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