Rudram 1 to integrate with Rafale: वायुसेना राफेल और तेजस फाइटर जेट्स में रुद्रम-1 मिसाइल लगाने की योजना बना रही है. ये मिसाइस इतनी घातक है कि इसे चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए काल माना जा रहा है. ये भारत में ही बनी हवा से सतह और जमीन पर मार करने वाली नई जेनरेशन की एंटी-रेडिएशन मिसाइल है. जिससे दूर से ही दुश्मन टारगेट को नष्ट किया जा सकता है.
इस समय भारतीय वायुसेना (IAF) की एक मिसाइल रुद्रम (Rudram) चर्चा में है. रुद्रम-1 नई जेनरेशन की एंटी-रेडिएशन मिसाइल है, जिसे हवा से सतह पर मार करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसकी रेंज और स्पीड का फायदा वायुसेना को मिलेगा. काफी दूर से ही दुश्मन टारगेट को ध्वस्त किया जा सकता है.
रुद्रम-1 मिसाइल जुड़ने से वायुसेना के जंगी जेट्स की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. 'रुद्रम' मिसाइल सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक दोनों है. रुद्रम-1 के किलर फीचर्स की बात करें तो 600 KG वजनी इस मिसाइल की लंबाई 18 फीट है. इसमें 55 KG वजन का प्री-फ्रैगमेंटेड वॉरहेड अटैच है.
रुद्रम-1 को डीआरडीओ ने विकसित किया है. ये घातक मिसाइस कई मायनों में खास है.
रुद्रम भारत की सबसे घातक, मारक और बेहतरीन मिसाइलों में से एक है.
रुद्रम को दुश्मनों के हथियारों को बेधने के साथ उसे पूरी तरह से बर्बाद करने के लिए बनाया गया है. रुद्रम-1 मिसाइल की रेंज 150 किलोमीटर है. यानी राफेल या तेजस फाइटर जेट इतनी दूर से ही दुश्मन पर हवाई हमला कर सकते हैं.
भारत ने अक्टूबर 2020 में रुद्रम-1 मिसाइल का फाइनल टेस्ट किया था. मिसाइल की रेंज 150 KM थी. ये मिसाइल INS-GPS नेविगेशन सिस्टम से लैस थी. राफेल और तेजस में रुद्रम अटैच होने से अब दुश्मन के नजदीक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बस एक क्लिक से उसका काम तमाम हो जाएगा.
जानकारी के मुताबिक फिलहाल यह मिसाइल MiG-29, डैसो मिराज 2000 और Su-30MKI में लगी है.
करीब एक महीने पहले रुद्रम 2 मिसाइल की टेस्टिंग हुई थी. ओडिशा के तट से सुखोई-30 MKI फाइटर प्लेन ने इस किलर मिसाइल को लॉन्च किया था.
350 KM रेंज वाली रुद्रम-2, दुश्मन देश के सर्विलांस, कम्युनिकेशन, रडार और कमांड कंट्रोल सेंटर्स को चंद मिनटों में तबाह कर देती है. ये नई जेनेरेशन की एंटी-रेडिएशन मिसाइल है. अब तो 550 किलोमीटर की रेंज वाली रुद्रम-3 को बनाया जा रहा है.
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