जिस दिन का लंबे समय से पर्यटक और स्थानीय लोग कर रहे थे, वो आ चुका है. कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में पहाड़ बर्फ से ढक गए हैं. कश्मीर में श्रीनगर, सोनामार्ग, पहलगाम और गुलमर्ग में भारी बर्फबारी से पर्यटकों के चेहरे खिल गए हैं.
जम्मू के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री माता वैष्णो देवी भवन के साथ-साथ भैरव घाटी में साल की पहली बराबरी हुई. बुधवार शाम से ही बारिश भी हो रही थी और वहीं देर रात काफी ज्यादा बर्फबारी माता के दरबार में हुई. काफी सारे श्रद्धालु इस चीज का इंतजार भी कर रहे थे कि मां वैष्णो देवी के दरबार में जल्द ही बर्फबारी हो ताकि वह लोग दर्शन के लिए आ सकें.
जम्मू-कश्मीर में रामबन जिले में भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे गुरुवार को यातायात के लिए बंद कर दिया गया, जिससे 200 से अधिक वाहन फंसे हुए हैं. हाईवे पर भी कई जगहों पर फिर से बर्फबारी हुई. भूस्खलन जिले के शेरबीबी इलाके में हुआ जहां भारी बारिश भी हुई. ट्रैफिक पुलिस ने 'एक्स' पर पोस्ट में लिखा, 'जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर शेरबीबी के पास सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है और यातायात बहाली का काम शुरू होने वाला है.' राजमार्ग के कई जगहों पर 200 से ज्यादा वाहन फंसे हुए हैं. 270 किलोमीटर लंबा हाईवे कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से हर मौसम में जोड़ने वाली एकमात्र सड़क है.
हिमाचल प्रदेश में भी कई जगहों पर जमकर बर्फबारी हुई. शिमला, कसोल, मनाली, सोलांग वैली, अटल टनल में बर्फबारी का टूरिस्ट्स ने जमकर लुत्फ उठाया. मनाली में पिछले 2 दिनों से बर्फबारी हो रही है, मनाली में 4 इंच, सोलंग वैली में 2 फीट, अटल टनल रोहतांग के साउथ पोर्टल में लगभग 3 फीट से ज्यादा बर्फबारी हो चुकी है. लगातार हो रही बर्फबारी के चलते मनाली बर्फ की सफेद चादर में पूरी तरह ढक चुकी है. फिलहाल मनाली को कुल्लू-मंडी से जोड़ने वाला NH यातायात के लिए बहाल है.
उत्तरकाशी जनपद के ऊंचाई वाले क्षेत्र जैसे गंगोत्री, यमुनोत्री, हर्षिल, मुखवा, खरसाली सांकरी, मारियाना टॉप, सुखी टॉप आदि क्षेत्रों में सुबह से ही जमकर बर्फबारी हो रही है. लंबे समय बाद बर्फबारी और बारिश होने से पर्यटकों के चेहरे खिल उठे हैं और पर्यटक जमकर बर्फबारी का लुफ्त उठा रहे हैं.
वहीं उत्तराखंड में लंबे इंतजार के बाद इस साल देर रात मसूरी और धनौल्टी में बारिश के बाद सीजन की पहली बर्फबारी हुई. पहाड़ों की रानी मसूरी सहित समेत धनौल्टी, नागटिब्बा और बुरांसकंडा की पहाड़ियों ने बर्फ की चादर ओढ़ ली है. मसूरी में लोग काफी लंबे समय से बारिश और बर्फबारी का इंतजार कर रहे थे और आखिर फरवरी के पहले दिन लोगों को बर्फ के दीदार हुए. देर रात मसूरी की ऊंचाई वाली पहाड़ियों पर हल्की बर्फबारी के चलते मसूरी में कड़ाके की ठंड बढ़ने लगी है और लोग अलाव का सहारा लेते दिखाई देने लगे हैं.
हल्की बर्फबारी को देखते हुए लोगों में आने वाले समय में अच्छी बर्फबारी होने की आस जगी है. इस साल लंबे समय से बारिश ना होने से पहाड़ के किसानों सहित होटल व्यवसायियों में मायूसी थी, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक मैदानी इलाकों में बारिश तो पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होगी. देर रात से हो रही बर्फबारी ने किसानों सहित होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों के चेहरे पर खुशी ला दी है.
वहीं उत्तराखंड के केदारनाथ,पवालीकाठां, त्रियुगीनारायण, चोपता दुग्गलविटटा, हरियाली देवी कांठा, कार्तिक स्वामी के अलावा कई ऊंचाई वाले इलाके बर्फ से ढक गए. सीजन की पहली बर्फबारी शुरू होते ही किसान काश्तकारों ने भी राहत की सांस ली. बागवानी से जुड़े किसानों को भी काफी समय से बर्फबारी का इंतजार था.
मौसम विभाग के मुताबिक, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिले में भारी बर्फबारी का अलर्ट जारी किया गया है. बारिश होने की वजह से मैदानी इलाकों में आम जनता को कोहरे से निजात मिल सकती है. 3 फरवरी से एक बार फिर मौसम करवट बदल सकता है, जिसके चलते 4-5 फरवरी को राज्य में बारिश और बर्फबारी देखने को मिल सकती है. बारिश के चलते लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
लंबे समय तक सूखे के बाद कश्मीर घाटी के मैदानी इलाकों में इस सर्दी के मौसम की पहली बर्फबारी देखी गई है. एक दिन की बारिश के बाद आज तड़के बर्फबारी शुरू हो गई. श्रीनगर शहर और कश्मीर घाटी के अन्य हिस्सों में लगभग दो इंच बर्फबारी दर्ज की गई है.
जबकि उत्तर और दक्षिण कश्मीर के सभी हिल स्टेशनों पर भारी बर्फबारी हुई है. शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा मिलता दिख रहा है, कश्मीर पहुंचने वाले पर्यटक खुद को भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं कि उन्होंने कश्मीर में बर्फबारी देखी क्योंकि कश्मीर इस साल सबसे लंबे समय तक सूखे के दौर से गुजरा है वर्तमान बर्फबारी से पर्यटन से जुड़े लोगों के चेहरे खिल गए हैं. पर्यटक संदीप ने कहा, मैं भाग्यशाली हूं मुझे बर्फ देखने को मिली हम जहां गए. वहां बर्फ मिली चाहिए गुलमर्ग हो या पहलगाम और आनेवाले दिनों में और बर्फ होने वाली है. लोगों को आना चाहिए. इससे अच्छी जगह कोई नहीं.
न केवल पर्यटक बल्कि स्थानीय लोग भी इस बर्फबारी के लिए खुदा का शुक्रिया अदा कर रहे हैं क्योंकि आम लोग, किसान और यहां तक कि वैज्ञानिक भी इस सबसे लंबे सूखे के दौर से चिंतित थे. सेब के किसान गुलाम अहमद ने कहा, 'हम लोग बहुत चिंतित थे कि आनेवाले सीज़न में फसल का क्या होगा. पानी की कमी रहेगी. मगर कुदरत मेहरबान हो गई और यह लोगों की दुआओं से मुमकिन हुआ.
जम्मू-कश्मीर में मौजूदा बारिश और बर्फबारी के कारण कश्मीर घाटी देश के बाकी हिस्सों से कट गई है. बर्फ जमा होने के कारण मुगल रोड और श्रीनगर लेह रोड पहले ही बंद कर दिया गया है. सोनमर्ग और जोजिला इलाके में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण श्रीनगर-लेह राजमार्ग भी बंद है. भारी बर्फ जमा होने के कारण कुपवाड़ा-करना, कुपवाड़ा-माछिल, बांदीपोरा-गुरेज़ और सिंथन टॉप जैसी अंतर जिला सड़कें भी यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं. प्रशासन ने जगह जगह जहां ज़रूरत हैं बर्फ हटाने का काम भी शुरू कर दिया है.
प्रशासनिक अधिकारियों ने कश्मीर घाटी के सभी दस जिलों में किसी भी आपात स्थिति के लिए आम जनता के लिए हेल्पलाइन स्थापित की हैं. सेना ने कल उत्तरी कश्मीर के ऊपरी गुलमर्ग इलाके में दो विदेशी नागरिकों सहित सात स्कीयरों को भी बचाया है, ये स्कीयर क्षेत्र में भारी बर्फबारी के कारण फंस गए थे.
मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बर्फबारी के मौजूदा दौर के बाद माइनस तापमान में थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. पूर्वानुमान के संबंध में, मेट्रोलॉजी विभाग के अधिकारियों ने कहा, जम्मू-कश्मीर के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश/बर्फबारी की संभावना है और कई जिलों (कुपवाड़ा, बांदीपोरा, बारामूला, गांदरबल, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग) में कुछ ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी की संभावना है.
उन्होंने कहा कि 3-4 फरवरी तक जम्मू-कश्मीर के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की संभावना है. अधिकारियों ने उत्तरी कश्मीर के ऊपरी इलाकों में भी हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है और लोगों को बाहर निकलते समय सतर्क रहने की सलाह दी है.
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