मेहरान करीमी नासेरी को 1970 के दशक में ईरान से निष्कासित कर दिया गया था. वह फ्रांस के रास्ते इंग्लैंड के लिए निकले, लेकिन किसी ने बीच में उनका ब्रीफकेस चुरा लिया जिसमें माइग्रेशन पेपर्स थे. इंग्लैंड पहुंचते ही उन्हें वापस फ्रांस भेज दिया गया. कागजात नहीं होने पर देश में एंट्री देने से मना कर दिया गया और वहां से जाने भी नहीं दिया गया. अधिकारियों ने उन्हें एयरपोर्ट लाउंज में वेट करने को कहा. फिर उन्होंने एयरपोर्ट पर ही 18 साल बिताया. उन्हें अपने हवाई अड्डे पर लौटने की अनुमति नहीं दी गई.
हसन, गुलिस्तान और उनके चार बच्चे सीरिया में रहते थे. उनके शहर पर आत्मघाती हमला किए जाने के बाद परिवार ने 2015 में देश से भागने का फैसला किया. परिवार के चार सबसे बड़े सदस्यों के पास इराकी पासपोर्ट थे, लेकिन दो सबसे छोटे सदस्यों के पास नहीं था. परिवार ने हसन की राष्ट्रीयता के माध्यम से सीरियाई पासपोर्ट हासिल कर लिया. उन्होंने रूस की यात्रा करने का फैसला किया, जहां गुलिस्तान की बहन रहती थी. परिवार को रूसी वीजा जारी किया गया, और वे अपने विमान में सवार हो गए. लेकिन जब वे रूस पहुंचे तो रूसी अधिकारियों ने कहा कि वीजा नकली थे और उन्हें जब्त कर लिया. रूस ने उनकी शरण अस्वीकार कर दी. इस वजह से वे 50 दिन तक एयरपोर्ट पर रहे और आखिर में उन्हें आजादी मिल गई.
2008 में जापानी पर्यटक हिरोशी नोहारा ब्राजील जाने वाले विमान में चढ़े. मेक्सिको में नोहारा की फ्लाइट छूट गई. नोहारा के पास पैसे और घर वापसी का टिकट था, लेकिन वह हवाई अड्डे में रुकना चाहता था. सप्ताह बीत गए और नोहारा ने हिलने से इनकार कर दिया. जापानी और मैक्सिकन दोनों अधिकारियों ने उन्हें जाने के लिए मनाने की कोशिश की. उसने इनकार कर दिया, और वे उसे जाने के लिए मजबूर नहीं कर सके क्योंकि वह कुछ भी अवैध नहीं कर रहा था. हवाई अड्डे में तीन महीने बिताने के बाद ओयुकी नाम की एक महिला को उन पर दया आ गई. उसने नोहारा को असली बिस्तर पर सोने का मौका दिया. वह उसके साथ हवाईअड्डे से बाहर चला गया.
अमेरिका में, 2007 में रोड आइलैंड शॉपिंग मॉल के अंदर चार साल तक बैठे रहने के बाद आर्टिस्ट माइकल टाउनसेंड की गिरफ्तारी ने सुर्खियां बटोरी थी.
एक अजीबोगरीब घटना में एक चीनी व्यक्ति छह महीने तक मॉल के अंदर रहा और कोई भी उसे पकड़ नहीं पाया. उसने एक मॉल को अपने निवास में बदल दिया और किसी को पता तक नहीं चला. हालांकि, आदमी की पहचान अभी भी गुमनाम बनी हुई है. उसने बड़ी चतुराई से एक सीढ़ी के नीचे एक तम्बू, मेज, कंप्यूटर और कुर्सी रखी हुई थी. उसने बताया था कि उसे पढ़ने के लिए एक शांत जगह चाहिए थी. इस वजह से वह रात में यहीं पर रुकता था. 6 महीने बाद उसे पकड़कर बाहर निकाला गया.
ट्रेन्डिंग फोटोज़