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Terracotta Army: 8000 सैनिकों को लाइन में खड़े कर दफना दिया गया, 2000 साल बाद दुनिया को पता चला

China Terracotta Army: ये कहानी चीन के पहले राजवंश की है. 2200 साल पहले कई राज्यों को मिलाकर पहली बार चीन देश के रूप में अस्तित्व में आया. किन शी हुआंग (Qin Shi Huang) ने इस राजवंश की स्थापना की थी. इसी राजा ने चीन की मशहूर दीवार का भी निर्माण कराया था. उस दौर में चीन के लोग मृत्यु के बाद के जीवन में विश्वास करते थे. यह विश्वास इतना ज्यादा था कि जब भी राजा या किसी बड़ी हस्ती की मृत्यु होती तो उसके साथ करीबियों, सेना, जरूरी सामान, जेवरात आदि दफना दिए जाते थे. मान्यता थी कि यह परलोक में उनके काम आएगी. 

पहले जिंदा दफनाते थे सैनिक

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पहले जिंदा दफनाते थे सैनिक

हालांकि किन शी हुआंग का दौर आते-आते जिंदा दफनाने के चलन की काफी आलोचना होने लगी. ऐसे में किन शी की मौत के बाद टोराकोटा आर्मी को दफनाया गया था. हां, टेरोकोटा सैनिकों की फौज. उनका पहनावा, रंग, जूते जैसी चीजें 2200 साल पहले की तस्वीर सामने रखते हैं. हर चेहरा अलग था, नक्काशी बिल्कुल जुदा और होठों पर भी रंग का इस्तेमाल किया गया था. 

किसान खोद रहे थे कुआं और...

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किसान खोद रहे थे कुआं और...

मार्च 1974 में शिआन प्रांत (Xi'an, Shaanxi province, China) के किसानों को टेराकोटा आर्मी के बारे में सबसे पहले पता चला. उस दिन किसानों का समूह कुआं खोद रहा था और उन्हें मिट्टी के बर्तन या कहिए टूटे टुकड़े मिलने लगे. बाद में उन्हें टोराकोटा सैनिक का सिर मिला. कुछ ही दिनों बाद पूरे चीन में इस रहस्य के बारे में पता चल चुका था. ये सैनिक देखने में बिल्कुल असली लगते हैं. हर चेहरे की बनावट अलग है. 

राजा की मौत, प्रिंस का सुसाइड

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राजा की मौत, प्रिंस का सुसाइड

किन शी हुआंग की मौत 210 बीसी में हुई थी, उस समय वह पूर्वी चीन के दौरे पर थे. उनके साथ चल रहे सहायकों ने इस खबर को गुप्त रखने का फैसला किया. उनके शव को घोड़ा गाड़ी में ही छिपा कर रखा गया. शव से बदबू आने लगी तो पास में मछलियों से भरे सामान रख दिए गए जिससे लोगों को लगे कि बदबू मछलियों से आ रही है. किन शी की तरफ से एक नकली लेटर बनाया गया और क्राउन प्रिंस फू सू को भेजा गया. उसे सुसाइड करने का आदेश दिया गया. तब राजा का आदेश पत्थर की लकीर होती थी. सुसाइड के बाद अधिकारियों ने साजिश के तहत किन शी के निधन की घोषणा कर छोटे बेटे को नया राजा घोषित कर दिया. बाद में काफी रक्तपात हुआ. नए राजा के भाइयों को मार दिया गया. साजिश में जो लोग शामिल थे, वे आपस में एक दूसरे के दुश्मन बन गए. देश में तोड़फोड़ शुरू हो गया. बताते हैं कि हालात इतने खराब हो गए थे कि विद्रोहियों ने टेराकोटा आर्मी के आसपास काफी आग लगा दी थी. एक्सपर्ट बताते हैं कि यही वजह है कि आसपास आग के निशान मिलते हैं. 

सैनिकों को किसने दफनाया?

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सैनिकों को किसने दफनाया?

3000 साल पहले चीन में आफ्टरलाइफ पर लोगों का इतना भरोसा था कि राजा के साथ उसके नौकर को भी जिंदा दफना दिया जाता था. बाद में इसकी आलोचना होने लगी तो किन शी के निधन के बाद टेराकोटा सैनिकों का कॉन्सेप्ट स्वीकार किया गया. इसे बनाने में जिन रंगों का इस्तेमाल किया गया, वे अब भी चमकदार हैं. वे भी नेचरल कलर है. उनके जूते कमाल के थे. मिट्टी के घोड़े और दूसरी चीजें भी खुदाई में मिली हैं. 

चीन की प्राचीन सभ्यता का गवाह

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चीन की प्राचीन सभ्यता का गवाह

सैनिकों की फौज चीन की प्राचीन सभ्यता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कुछ साल पहले चीन दौरे के समय यहां टेराकोटा आर्मी देखने गए थे. 

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