UPSC परीक्षा पास करना और IAS बनना कठिन है. बीच में, बहुत से लोग प्राइवेट नौकरी छोड़ देते हैं और अन्य सरकारी पदों की तलाश में रहते हैं. कई लोग आईएफएस, आईपीएस या आईएएस बनने की उम्मीद में यूपीएससी सीएसई परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं.
यूपीएससी का एग्जाम देने वालों में से लगभग एक हजार को ही फाइलन लिस्ट में शामिल किया गया था. कई कैंडिडेट्स यूपीएससी की तैयारी में मदद के लिए कोचिंग पर भरोसा करते हैं. हालांकि, कुछ लोग सेल्फ स्टडी की ओर रुख करते हैं और प्रतिष्ठित परीक्षा पास करने में सफल होते हैं. ऐसी ही एक शख्सियत हैं आईएएस स्वाति मीना नाइक, जो 22 साल की उम्र में अपने पहले ही अटेंप्ट में यूपीएससी पास कर अपने बैच की सबसे कम उम्र की अधिकारी बन गईं.
आईएएस स्वाति राजस्थान के सीकर की रहने वाली हैं. वह 2008 की मध्य प्रदेश कैडर की अधिकारी हैं. 22 साल की उम्र में, उन्होंने 2007 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की. अपने पहले अटेंप्ट में, उन्होंने ऑल इंडिया रैंक (एआईआर) 260 हासिल की. अपने बैच में, वह सबसे कम उम्र की आईएएस अधिकारी थीं.
आईएएस स्वाति को हाल ही में केंद्र सरकार ने पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया था. वह पहले मध्य प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में सचिव रह चुकी हैं.
उनके पिता राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) में एक अधिकारी हैं और उनकी मां डॉ. सरोज मीना पेट्रोल पंप चलाती थीं. उन्होंने अपनी शिक्षा अजमेर से पूरी की. उन्होंने अजमेर के सोफिया गर्ल्स कॉलेज से डिप्लोमा प्राप्त किया. उनकी छोटी बहन 2011 बैच की भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी हैं.
आईएएस स्वाति ने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी मां की हमेशा से इच्छा थी कि वह डॉक्टर बनें, लेकिन जब वह आठवीं क्लास में थीं, तब उनकी एक मौसी की शादी हो गई और वह एक अधिकारी बन गईं. इसलिए, उन्होंने परीक्षा देने का फैसला लिया. जब स्वाति यूपीएससी की तैयारी कर रही थीं तो उनके पिता ने उनका सपोर्ट किया.
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