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World Heritage Day 2024: भारत के 5 गौरवशाली स्थल जिन्हें मिला है UNESCO का विश्व धरोहर का खिताब

World Heritage Day 2024: विश्व धरोहर दिवस हर साल 18 अप्रैल को मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत के महत्व को बढ़ावा देना और ऐतिहासिक स्थलों और स्मारकों के संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाना है. भारत अपने रिच इतिहास और डाइवर्स संस्कृति के लिए जाना जाता है. यहां कई ऐसे शानदार स्थल हैं जिन्हें यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल लिस्ट में शामिल किया गया है. आइए भारत के 5 ऐसे बेहतरीन धरोहर स्थलों के बारे में जानें, जिन्होंने यूनेस्को (UNESCO) द्वारा वैश्विक मान्यता प्राप्त की है

आगरा का किला

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आगरा का किला

आगरा का किला 16 वीं शताब्दी का एक विशाल स्मारक है जो मुगल आर्किटेक्चर का एक शानदार उदाहरण है. इस किले का निर्माण 1542 में सम्राट अकबर द्वारा करवाया गया था. यह किला मुगल साम्राज्य के शासकों का प्रमुख निवास था. इसकी ऊंची दीवारें, विशाल दरवाजे और सफेद संगमरमर की इमारतें इसकी भव्यता को दर्शाती हैं. आगरा का किला लाल किले का पूर्ववर्ती है और इसे 1983 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित किया गया था.

ताजमहल

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ताजमहल

ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है और भारत का सबसे प्रसिद्ध धरोहर स्थल है. मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में 1632 से 1654 के बीच इस सफेद संगमरमर के मकबरे का निर्माण करवाया था. यह मकबरा मुगल आर्किटेक्चर का एक मास्टरपीस है और इसमें फारसी आर्किटेक्चर के तत्वों को भी शामिल किया गया है. ताजमहल अपनी जटिल जाली, सुंदर बगीचे और चारों तरफ से सममित डिजाइन के लिए प्रसिद्ध है. इसे 1983 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित किया गया था.

एलोरा और अजंता की गुफाएं

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एलोरा और अजंता की गुफाएं

एलोरा और अजंता की गुफाएं बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म और जैन धर्म से जुड़े प्राचीन रॉक-कट स्मारक हैं. अजंता की गुफाएं विशेष रूप से अपनी शानदार भित्ति चित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं, जो बौद्ध धर्म की कहानियों और जातकों को दर्शाती हैं. एलोरा की गुफाएं अपनी डिटेल आर्किटेक्चर के लिए जानी जाती हैं, जिसमें कैलाश मंदिर, एक अखंड चट्टान से उकेरा गया एक भव्य मंदिर शामिल है.

गोवा के चर्च और मठ

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गोवा के चर्च और मठ

गोवा के चर्च और मठ पुर्तगाली कोलोनियल आर्किटेक्चर के बेहतरीन उदाहरण हैं. गोवा में 16वीं और 17वीं शताब्दी के दौरान कई चर्च और मठ बनाए गए थे, जो ईसाई धर्म के प्रसार के केंद्र के रूप में काम करते थे. ये चर्च और मठ अपनी यूरोपीय और इंडियन आर्किटेक्चरल स्टाइल के मिश्रण के लिए प्रसिद्ध हैं.

सूर्य मंदिर, कोणार्क

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सूर्य मंदिर, कोणार्क

सूर्य मंदिर, कोणार्क को 13वीं शताब्दी में राजा नरसिंहदेव द्वारा बनवाया गया था, जो सूर्य देवता को समर्पित एक हिंदू मंदिर है. यह मंदिर एक विशाल रथ के आकार का है, जिसके पहिये सूर्य के 24 पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं. सूर्य मंदिर अपनी जटिल आर्किटेक्चर, शानदार मूर्तियों और धातु की कलाकृतियों के लिए जाना जाता है.

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