त्रिपुरा में सीपीएम को तगड़ा झटका, सीनियर नेता बिश्वजीत दत्ता हुए बीजेपी में शामिल
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त्रिपुरा में सीपीएम को तगड़ा झटका, सीनियर नेता बिश्वजीत दत्ता हुए बीजेपी में शामिल

 बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव और त्रिपुरा के प्रभारी सुनील देवधर ने उनका स्वागत किया. 

दत्ता ने आरोप लगाया कि कम्युनिस्ट पार्टी भ्रष्टाचार, गुटबाजी और आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त है.

अगरतला: त्रिपुरा में सीपीएम को तगड़ा झटका लगा है. पूर्व विधायक बिश्वजीत दत्ता सत्तारूढ़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. दत्ता (68) राज्य की राजधानी से लगभग 50 किलोमीटर दूर खोवाई जिले में बीजेपी में शुक्रवार की शाम को शामिल हुए. बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव और त्रिपुरा के प्रभारी सुनील देवधर ने उनका स्वागत किया. 

उन्होंने कहा कि दत्ता माकपा के ‘सबसे ईमानदार नेताओं’ में शामिल रहे हैं. 1964 से सीपीएम के साथ जुड़े रहे दत्ता ने दावा किया कि राज्य में 18 फरवरी को विधानसभा चुनाव से पहले ही उनके खिलाफ ‘आपराधिक षडयंत्र’ किया गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि कम्युनिस्ट पार्टी भ्रष्टाचार, गुटबाजी और आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त है. 
 
त्रिपुरा लेफ्ट फ्रंट कमेटी ने उन्हें इस वर्ष होने वाले चुनाव में उम्मीदवार घोषित किया था. बाद में उनका पत्ता काटकर भूतपूर्व एसएफआई नेता निर्मल बिस्वास को दे दिया गया. दत्ता ने अपनी ही पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा, "मेरे खिलाफ बहुत ही आपराधिक षड़यंत्र रचा गया. मुझे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा ताकि मैं चुनाव न लड़ सकूं. इस पूरे षड़यंत्र को सीपीआईएम के समर्थन से रचा गया."

दत्ता ने आरोप लगाते हुए कहा, "मेरी बीमारी की पूरी कहानी फर्जी थी और मुझे अपना दावा वापस लेने के मजबूर किया गया. अस्पताल में भर्ती होने का नाटक रचा गया." उन्होंने आगे कहा, "मैं बिल्कुल भी बीमार नहीं था. मैंने सीपीएम के प्रवक्ता गौतम दास को अस्पताल के बाहर खड़ा पाया जहां मेरा उपचार चल रहा था. बाद में पार्टी ने कहा कि मैं चुनाव लड़ने के लिए फिट नहीं हूं और मेरी टिकट काट दी गई." 

दत्ता ने सीपीएम के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. उधर, दत्ता के आरोपों पर पलटवार करते हुए सीपीएम नेता व त्रिपुरा विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष पवित्र कर ने कहा, "हर कोई जानता है कि बिश्वजीत दत्त बीमार थे और उनकी स्थिति बहुत नाजुक थी. वह चुनाव कैसे लड़ सकते थे." 

यह पूछे जाने पर कि वह बीजेपी में अपनी साम्यवादी विचारधारा को कैसे तालमेल बैठाएंगे, "मेरे आदर्श हमेशा लोगों की सेवा करने के लिए रहे हैं. मैं ऐसा बीजेपी में भी करता रहूंगा." दत्ता ने कहा कि मेरा मानना है कि मैं लोगों के लिए काम करूंगा और बिप्लब को नेता मानते हुए गरीबों के लिए काम करूंगा. 

 

(इनपुट भाषा से भी)

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