उपसभापति चुनाव : हार से बौखलाई कांग्रेस, NDA की मदद करने वालों को बताया पाखंडी
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उपसभापति चुनाव : हार से बौखलाई कांग्रेस, NDA की मदद करने वालों को बताया पाखंडी

उपसभापति चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपनी संख्याबल के आधार पर जीत का दावा किया था. बीजेपी ने 126 सदस्यों के साथ होने का दावा किया, तो कांग्रेस ने 111 सदस्यों के समर्थन की बात कही थी. 

कांग्रेस ने राज्यसभा उपसभापति चुनाव में NDA का समर्थन करने वाले दलों पर कड़ा हमला बोला है (फाइल फोटो)

नागपुर : कांग्रेस ने कहा कि जिन दलों ने राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार की जीत आसान बनाने के लिए विपक्षी एकता तोड़ी, उन्होंने अपना पाखंड बेनकाब कर लिया है. कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने यह भी दावा किया कि वैसे तो कई दलों ने नौ अगस्त को चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार के विरुद्ध वोट डाला लेकिन विपक्षी एकता बनी हुई है. संसद के ऊपरी सदन के चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के हरिवंश नारायण सिंह ने विपक्षी उम्मीदवार कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद को हरा दिया.

प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि चुनाव के नतीजे का यह मतलब नहीं है कि विपक्षी एकता टूट गई है. उन्होंने कहा कि ढेर सारे लोग और दल जो नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करते रहे और स्वयं को आम लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते रहे, वे चुनाव से गैर हाजिर रहे या और उन्होंने सरकार के उम्मीदवार के विरोध में वोट नहीं डाला.

उन्होंने आरोप लगाया कि वोटिंग करने वालों ने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया और अपना पाखंड बेनकाब कर दिया. 

एनडीए के हरिवंश नारायण सिंह राज्‍यसभा के उपसभापति चुने गए, पक्ष में पड़े 125 वोट

ओड़िशा के सत्तारुढ़ बीजू जनता दल (बीजद) और दिल्ली पर शासन करने वाली आम आदमी पार्टी ने चुनाव में विपक्षी एकता से दूरी बनाई और एनडीए उम्मीवार की जीत पक्की हो गई. दोनों ही दल अपने अपने राज्यों में बीजेपी के कट्टर विरोधी हैं. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी मतदान से दूर रही. प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि बोफोर्स सौदे में कांग्रेस पर बहुत कीचड़ उछाली गई. लेकिन कांग्रेस जांच से नहीं भागी. कांग्रेस और सुप्रीम कोर्ट के प्रति खुद को जवाबदेह बनाया.

कांग्रेस ने किया था जीत का दावा
राज्यसभा में उपसभापति चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपनी संख्याबल के आधार पर जीत का दावा किया था. एक तरफ बीजेपी ने 126 सदस्यों के साथ होने का दावा किया, तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने 111 सदस्यों के समर्थन की बात कही थी. कांग्रेस के 61 सदस्यों के अलावा, उसे तृणमूल कांग्रेस और सपा के 13-13 सदस्यों, टीडीपी के छह, माकपा के 5, बीएसपी और द्रमुक के 4-4 सदस्यों, भाकपा के दो और जेडीएस के एक सदस्य का समर्थन मिलने की उम्मीद थी. मतदान की प्रक्रिया से पहले कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने जीत का दावा करते हुए कहा कि अगर बीजेपी ने पास पर्याप्त संख्या होती तो वह अपना उम्मीदवार उतारती ना कि किसी अन्य दल के नेता को चेहरा बनाती.

222 वोट पड़े चुनाव में
वोटिंग के दौरान कुल 206 वोट पड़े. जिसमें एनडीए के हरिवंश के पक्ष में 115 वोट पड़े. हालांकि इस दौरान 2 सदस्‍य अनुपस्थित रहे. लेकिन विपक्ष के कुछ सदस्‍यों की तरफ से आपत्ति आने के बाद उन्‍हें स्लिप के जरिये वोट डालने दिया गया. इसके बाद दोबारा हुई वोटिंग में कुल 222 वोट पड़े. इनमें एनडीए के हरिवंश को 125, जबकि यूपीए के बीके हरिप्रसाद को 105 वोट मिले. 

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