जातीय जनगणना की मांग हुई तेज, झारखंड से भी उठी डिमांड
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जातीय जनगणना की मांग हुई तेज, झारखंड से भी उठी डिमांड

झारखंड में भी जातिगत जनगणना को लेकर सियासत गर्म है.

झारखंड से भी उठी जातीय जनगणना की मांग.(प्रतिकात्मक तस्वीर)

Ranchi: जातिगत जनगणना की मांग को लेकर को लेकर देश में सियासत उबाल मार रही है. जहां देश के विभिन्न राजनीतिक दल की जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं. वहीं केंद्र सरकार इसके लिए अभी तैयार नहीं है. इस बीच झारखंड में भी जातिगत जनगणना को लेकर सियासत गर्म है.

पड़ोसी राज्य बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सभी दलों के डेलिगेशन के साथ दिल्ली में जातीय जनगणना के मामले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की. जिस पर प्रधानमंत्री ने विचार करने के बाद निर्णय लेने का भरोसा दिलाया है. 

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वहीं झारखंड में भी इस मुद्दे को लेकर बयानबाज़ी देखने को मिल रही है. झारखंड में सत्ता पक्ष जातिगत जनगणना के पक्ष में है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इसके साथ ही सरना धर्म कोड को भी लागू करने की मांग की है. JMM महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य के मुताबिक जातिगत जनगणना होनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके, जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी भागीदारी. सुप्रियो भट्टाचार्य ने ने कहा की उनकी पार्टी सरना धर्म का भी जातिगत जनगणना में उल्लेख करने की मांग कर रही है, जिसके लिए झारखंड विधानसभा से पास सर्वसम्मत प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है.

वहीं झारखंड कांग्रेस ने मामले को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सवाल उठाया है. झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा की नौटंकी करना नीतीश कुमार की पुरानी आदत है. उनसे किसी भी जाति का भला नहीं होने वाला है. राजेस ठाकुर ने कहा की नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से सरकार चला रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी यह नहीं बता पा रही है कि जनगणना में क्या होना चाहिए. 

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इधर, झारखंड में युवा RJD अध्यक्ष रंजन यादव ने कहा की  जातीय जनगणना को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव शुरू से ही मांग करते आ रहे हैं, इसी वजह से तेजस्वी यादव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ प्रधानमंत्री जी से मिलने गए थे. RJD हमेशा से जातीय जनगणना का समर्थन करती आ रही है और केंद्र सरकार से इसे कराने की मांग करती है.

वहीं मामले को लेकर झारखंड BJP ज्यादा गंभीर नहीं दिख रही है. BJP के मुताबिक केंद्र सरकार, इस बारे में फैसला देश हित को ध्यान में रख कर ही करेगी. BJP विधायक सीपी सिंह ने कहा की नीतीश कुमार की अपनी राजनीति है, बिहार के मुख्यमंत्री होने के नाते उन्होंने प्रधानमंत्री से समय लिया और उनसे मिलने गए. प्रधानमंत्री से मिलना, उनसे अपनी मांगे रखना, उनका अधिकार है, लेकिन आज के दिन जनगणना करना भी राजनीति का मुद्दा बन गया है. झारखंड में नीतीश कुमार की सरकार नहीं है, लेकिन झारखंड में JMM कांग्रेस की सरकार राजनीतिक फायदा लेने के लिए देखा-देखी जातीय जनगणना की मांग करने लगी है. हालांकि देशहित में जो भी सही होगा, प्रधानमंत्री जी वही फैसला करेंगे.

(इनपुट: अभिषेक)

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