अगर बकरी का दूध पीते हैं तो उसे भी मां मानिए, हिन्‍दू न खाएं इसका गोश्‍त : नेताजी के पड़पोते का बयान
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अगर बकरी का दूध पीते हैं तो उसे भी मां मानिए, हिन्‍दू न खाएं इसका गोश्‍त : नेताजी के पड़पोते का बयान

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पड़पोते चंद्र कुमार बोस और त्रिपुरा के गवर्नर तथागत राय के बीच टि्वटर वार तेज हो गई है.

बोस ने ट्वीट किया था कि राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी बकरी को मां का दर्जा देते थे. (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पड़पोते चंद्र कुमार बोस और त्रिपुरा के गवर्नर तथागत राय के बीच टि्वटर वार तेज हो गई है. दरअसल बोस ने ट्वीट किया था कि राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी बकरी को मां का दर्जा देते थे, इस आधार पर हिन्‍दुओं को बकरी का मीट खाना छोड़ देना चाहिए. बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के उपाध्‍यक्ष बोस के इस ट्वीट पर राय ने सख्‍त आपत्ति दर्ज की थी. उन्‍होंने इस राष्‍ट्रपिता का अपमान बताया था. बोस ने कहा कि बीजेपी शासित राज्‍यों में गोकशी के नाम पर बढ़ रहीं मॉब लिन्चिंग की घटनाओं से पूरा देश परेशान है.

क्‍या कहा था ट्वीट में 
सीके बोस ने गुरुवार को ट्वीट में कहा था कि गांधी जी जब कोलकाता आते थे तो वह मेरे बाबा शरत चंद्र बोस के वुडबर्न पार्क स्थित घर पर ही ठहरते थे. उन्‍होंने ही बकरी का दूध पीने की मांग की थी. इसके लिए घर पर दो बकरियों को लाया गया था. बकरी का दूध पीने के कारण गांधी जी उसे मां का दर्जा देते थे. इसलिए हिन्‍दुओं को बकरी का मांस खाना छोड़ देना चाहिए.

 

 

 

हिन्‍दुस्तान टाइम्‍स की खबर के मुताबिक इसके 3 घंटे बाद तथागत राय ने जवाब दिया- न ही गांधी जी न आपके ग्रैंडफादर ने कभी कहा कि बकरी हमारी माता है-यह आपका निष्‍कर्ष है. न ही कभी गांधीजी ने यह जताया कि वह हिन्‍दुओं के रक्षक हैं. हम हिन्‍दू गाय को अपनी माता मानते हैं न कि बकरी को. कृपया कर ऐसा न करें. बोस ने 2016 में बीजेपी ज्‍वाइन की. वह ममता बनर्जी के खिलाफ भवानीपुर से चुनाव लड़े थे.

 

 

जारी हैं बेतुके बोल
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक बोस ने शनिवार को ट्वीट में फिर दोहराया-मेरे ट्वीट को बारीकी से समझा जाए. पूरा देश भीड़ के हत्‍या करने की बढ़ती घटनाओं से परेशान है.

 

 

अगर आप बीफ खाने पर लोगों पर हमले करेंगे तो बकरी का गोश्‍त खाना भी छोड़ना होगा क्‍योंकि गांधी जी उसका दूध पीते थे. अगर आप बकरी का दूध पीते हैं तो उसे माता का दर्जा दीजिए. धर्म को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए.

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